शारदा विश्वविद्यालय ने मंगलवार को स्कूल ऑफ डेंटल साइंस के डीन समेत तीन और प्रोफेसरों को निलंबित कर दिया है। ये कार्रवाई बैचलर ऑफ डेंटल स्टडीज की एक छात्रा की कथित आत्महत्या के तीन दिन बाद हुई है। विश्वविद्यालय के जनसंपर्क कार्यालय के निदेशक डॉ. अजीत कुमार के अनुसार, डीन डॉ. एम. सिद्धार्थ, प्रोफेसर डॉ. अनुराग अवस्थी और एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुरभि निलंबित किए गए सदस्य हैं।
विश्वविद्यालय ने 19 जुलाई को डॉ. शैरी वशिष्ठ और महिंदर को निलंबित कर दिया था। आत्महत्या करने वाली छात्रा ज्योति शर्मा ने सुसाइड नोट में इन पर "मानसिक रूप से प्रताड़ित" करने का आरोप लगाया था।
नोट में लिखा था, "अगर मेरी मौत हुई, तो पीसीपी और डेंटल मैटेरियल के शिक्षक जिम्मेदार होंगे। महिंदर सर और शैरी मैम मेरी मौत के जिम्मेदार हैं। मैं चाहती हूं कि वे सलाखों के पीछे जाएं। उन्होंने मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। उन्होंने मुझे अपमानित किया। मैं लंबे समय से उनकी वजह से तनाव में हूं। मैं चाहती हूं कि उन्हें भी यही सब सहना पड़े। मुझे माफ करना। मैं अब इस तरह नहीं जी सकती। मैं नहीं जी सकती।"
पुलिस ने आरोपों के आधार पर शैरी वशिष्ठ और महिंदर को गिरफ्तार कर लिया है। डॉ. अजीत कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा आंतरिक जांच जारी है और दो दिनों के अंदर पूरी हो जाएगी।
नॉलेज पार्क पुलिस स्टेशन में 19 जुलाई को निलंबित किए गए पांचों लोगों, विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष डॉ. आशीष चौधरी और कई और के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने, सबूत नष्ट करने, महिलाओं का अपमान करने और आपराधिक धमकी देने के आरोपों में एफआईआर दर्ज की गई थी।
पुलिस में दर्ज शिकायत के अनुसार, ज्योति के पिता ने कहा, "विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने मेरी बेटी को आत्महत्या के लिए उकसाया और उसे व्यक्तिगत रूप से प्रताड़ित किया।" उन्होंने प्रोफेसरों पर मामले से जुड़े कथित सबूत नष्ट करने का भी आरोप लगाया। 18 जुलाई को ज्योति ने विश्वविद्यालय के अपने छात्रावास के कमरे में फांसी लगा ली थी।