नई दिल्ली: भारत की कुशल तकनीकी प्रतिभा से जुड़ने और जनमानस से संबंधों को मज़बूत करने के प्रयास में स्वीडन का दूतावास 22 और 24 अप्रैल 2025 को क्रमशः बेंगलुरु और दिल्ली में ‘वर्क इन स्वीडन’ मेला आयोजित कर रहा है। ये आयोजन अनुभवी पेशेवरों को स्वीडन में करियर के अवसरों को जानने और तलाशने का एक अनूठा मंच प्रदान करते करेगा।
जैसे-जैसे स्वीडन सतत उद्योग और नवाचार में अपने निवेश को गति दे रहा है, वैश्विक प्रतिभाओं की मांग, विशेष रूप से इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी में बढ़ रही है। एसएसएबी, स्टेग्रा और हिटाची एनर्जी जैसी प्रमुख कंपनियां उन पेशेवरों की तलाश में हैं, जिनके पास उन्नत स्टील निर्माण और हाई वोल्टेज डायरेक्ट करंट (HVDC) तकनीक जैसे क्षेत्रों के जानकार हों, जो स्वीडन के हरित परिवर्तन के लिए केंद्रीय भूमिका निभाते हैं।
प्रतिभा को आकर्षित करने के अलावा यह पहल स्वीडन और भारत के बीच आर्थिक और ज्ञान की साझेदारी को गहरा करने का एक रणनीतिक प्रयास भी है। पेशेवर आदान-प्रदान और सहयोग के मज़बूत रास्ते बनाकर दोनों देशों को साझा नवाचार, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और दीर्घकालिक द्विपक्षीय विकास से लाभ होगा।
इस विषय पर भारत में स्वीडन के राजदूत जान थेस्लेफ़ ने कहा कि उच्च गुणवत्ता वाली भारतीय आईटी और इंजीनियरिंग ने स्वीडन की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिससे एक जीवंत और विकसित होती भारतीय प्रवासी समुदाय की नींव रखी गई है। यह संबंध और तालमेल दोनों समाजों को समृद्ध करते हैं और आपसी समझ व सहयोग को बढ़ावा भी देते हैं। ‘वर्क इन स्वीडन’ पहल के माध्यम से हम न केवल द्विपक्षीय संबंधों को सशक्त कर रहे हैं, बल्कि भारत की असाधारण प्रतिभा से भी जुड़ रहे हैं, विशेषकर उन क्षेत्रों और नियोक्ताओं से जो सतत उद्योग व भविष्य केंद्रित नवाचार में निवेश कर रहे हैं।
‘वर्क इन स्वीडन’ मेला में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को स्वीडन के विभिन्न क्षेत्रों, स्वीडिश एजेंसी फॉर इकोनॉमिक एंड रीजनल ग्रोथ और स्वीडिश दूतावास के प्रतिनिधियों से बातचीत करने का अवसर मिलेगा। साथ ही उन्हें स्वीडन में एक समृद्ध करियर और जीवन के निर्माण के लिए प्रत्यक्ष मार्गदर्शन भी मिलेगा।