तमिलनाडु के नागपट्टिनम के सिक्कल सिंगारवेलावर मंदिर में भगवान मुरुगन के लिए कंडा षष्ठी महोत्सव के आखिरी दिन विशेष पूजा की गई।
सिक्कल मंदिर का कंडा षष्ठी उत्सव 13 नवंबर से शुरू हुआ था। छह दिन के त्योहार के आखिरी और सबसे महत्वपूर्ण दिन को सूरसम्हारम कहा जाता है। ये बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के तौर पर हर साल मनाया जाता है। पौराणिक कथा के मुताबिक भगवान मुरुगन ने इस दिन राक्षस सुरपदमन को हराया था, जिससे दुनिया में शांति आई थी।
कार्यक्रम में जिला कलेक्टर जानीदम वर्गीज, जिला पुलिस अधीक्षक हर्ष सिस और दूसरे अधिकारियों ने हिस्सा लिया। पूरे तमिलनाडु से आए हजारों श्रद्धालुओं ने समारोह में हिस्सा लिया और भगवान मुरुगन की पूजा की।