रायपुर, 30 सितंबर (भाषा) राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में छत्तीसगढ़ में वरिष्ठ नागरिकों की हत्या की दर सबसे ज्यादा दर्ज की गई।
रिपोर्ट के अनुसार कुल मिलाकर, वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष और उससे अधिक आयु के) के खिलाफ कुल अपराध के मामले में राज्य देश में चौथे स्थान पर है। यहां वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराध दर 89.7 दर्ज की गयी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वरिष्ठ नागरिकों की हत्या की सबसे ज्यादा दर छत्तीसगढ़ (3.6) में दर्ज की गई, उसके बाद अरुणाचल प्रदेश (3.1), मध्य प्रदेश तथा तमिलनाडु (2.7) का स्थान है। जबकि राष्ट्रीय औसत 1.2 रहा।
रिपोर्ट के अनुसार अपराध दर की गणना प्रति एक लाख जनसंख्या पर अपराध के रूप में की जाती है। छत्तीसगढ़ की अनुमानित जनसंख्या लगभग 3.03 करोड़ है। देश में 28 राज्य और आठ केंद्र शासित प्रदेश हैं।
रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ में 2023 में हत्या की 72 घटनाओं में 73 वरिष्ठ नागरिकों की मौत हुई, जबकि अरुणाचल प्रदेश में दो घटनाओं में दो हत्याएं, मध्यप्रदेश में 155 घटनाओं में 156 हत्याएं और तमिलनाडु में 201 घटनाओं में 211 हत्याएं दर्ज की गई।
रिपोर्ट के अनुसार देश में वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ कुल अपराध दर के मामले में दिल्ली 118.6 के साथ शीर्ष स्थान पर रही, उसके बाद मध्य प्रदेश (100.4), चंडीगढ़ (99.9) और छत्तीसगढ़ (89.7) का स्थान रहा।
2023 में, दिल्ली में वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराध की 1,361 घटनाएं दर्ज की गईं। वहीं मध्य प्रदेश में 5,738 और चंडीगढ़ में 67 घटनाएं दर्ज की गई।
एनसीआरबी के आंकड़े छत्तीसगढ़ में वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराधों में लगातार वृद्धि को भी दर्शाते हैं। राज्य में वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ 2021 में 1,408 मामले, 2022 में 1,632 और 2023 में 1,798 मामले दर्ज किए गए।
छत्तीसगढ़ में 2023 में वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराधों में 2,307 पुरुषों और 214 महिलाओं सहित कुल 2,521 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जबकि 2,457 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किए गए। वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराध के मामलों में 235 लोगों को दोषी ठहराया गया तथा 392 लोगों को बरी कर दिया गया।
वर्ष 2023 में, छत्तीसगढ़ में वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराध के 1,520 मामले सुनवाई के लिए भेजे गए, जबकि इससे पिछले वर्ष के 5,032 मामले पहले से ही लंबित थे।
भाषा
संजीव, रवि कांत रवि कांत Ravikant