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परमाणु हथियारों की चुनौती को हमारे सुरक्षा आकलन में शामिल करना समझदारी होगी: सीडीएस चौहान

(तस्वीरों के साथ)

नयी दिल्ली, 30 सितंबर (भाषा) भारत के सुरक्षा आकलन में परमाणु हथियारों से उत्पन्न संभावित चुनौतियों को ध्यान में रखा जाना चाहिए, क्योंकि ऐसा दृष्टिकोण प्रतिरोधक तंत्र में योगदान देगा। प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

जनरल चौहान ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत परमाणु ‘धमकी’ से नहीं डरेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि हमारे संदर्भ में परमाणु हथियारों के उपयोग की संभावना बहुत कम है, फिर भी इसे हमारी सुरक्षा आकलन में शामिल करना विवेकपूर्ण होगा।’’

सीडीएस चौहान ने कहा, ‘‘रेडियोधर्मी संदूषण के उपचार के लिए अलग प्रोटोकॉल की आवश्यकता होती है और यह हमारे प्रशिक्षण का हिस्सा होना चाहिए। परमाणु खतरों के विरुद्ध तैयारी, इसके उपयोग को रोकने में योगदान देती है। मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है।’’

सीडीएस चौहान सैन्य नर्सिंग सेवा (एमएनएस) के शताब्दी समारोह का उद्घाटन करने के बाद संबोधित कर रहे थे।

जनरल चौहान ने अपने संबोधन में युद्धों, शांति अभियानों, मानवीय राहत और समकालीन स्वास्थ्य देखभाल चुनौतियों में एमएनएस की अपरिहार्य भूमिका को रेखांकित किया।

सीडीएस ने एक महिला पर्वतारोहण अभियान को भी हरी झंडी दिखाई।

समारोह का मुख्य आकर्षण एमएनएस का आधिकारिक गीत जारी करना था, जिसमें सेवा की परंपराओं, भावना और पेशेवर गौरव को दर्शाया गया।

यह गीत औपचारिक और आधिकारिक आयोजनों में गाया जाएगा, जो सेवा के दूसरे शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर रहे एमएनएस अधिकारियों के लिए एक एकीकृत प्रतीक के रूप में कार्य करेगा।

भाषा धीरज संतोष

संतोष

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