गुवाहाटी, 30 सितंबर (भाषा) अमनजोत कौर ने अपने पहले महिला एकदिवसीय विश्व कप मैच में दबाव में जज्बे और धैर्य का परिचय दिया जबकि अनुभवी दीप्ति शर्मा ने भी अर्धशतक जड़ा जिससे भारत ने मंगलवार को यहां वर्षा से प्रभावित 47 ओवर के मैच में श्रीलंका के खिलाफ प्रतिकूल परिस्थितियों से उबरते हुए आठ विकेट पर 269 रन बनाए।
दो ओवर में चार विकेट गंवाने के बाद भारत एक समय छह विकेट पर 124 रन बनाकर मुश्किल में था लेकिन अमनजोत (57 रन, 56 गेंद, पांच चौके, एक छक्का) और दीप्ति (53 रन, 53 गेंद, तीन चौके) ने भारत को चुनौतीपूर्ण स्कोर तक पहुंचाया। दोनों ने सातवें विकेट के लिए 103 रन की साझेदारी भी की। हरलीन देओल (48 रन, 64 गेंद, छह चौके) ने भी उम्दा पारी खेली।
पारी के दौरान कई बार बारिश का खलल पड़ा जिससे मुकाबला 47 ओवर का कर दिया गया।
अमनजोत ने शुरुआत से ही संयम दिखाया और स्ट्राइक रोटेट की। उन्होंने ढीली गेंदों को सबक सिखाने में भी कोई कोताही नहीं बरती। इस भारतीय बल्लेबाजों को हालांकि 18, 37 और 50 रन के स्कोर पर तीन जीवनदान भी मिले।
अमनजोत ने मात्र 45 गेंद में विश्व कप में अपना पहला अर्धशतक पूरा किया जिसमें आक्रामकता और नियंत्रण का शानदार मिश्रण था।
अनुभवी बल्लेबाज दीप्ति ने दूसरे छोर पर मोर्चा संभाला और इस दौरान अपना 16वां एकदिवसीय अर्धशतक पूरा किया।
स्नेह राणा ने भी 15 गेंद पर दो चौकों और दो छक्कों की मदद से नाबाद 28 रन की शानदार पारी खेली और भारत का स्कोर 250 रन के पार पहुंचाया।
खिताब की प्रबल दावेदार और घरेलू मैदान पर खेल रही भारत की टूर्नामेंट में शुरुआत बेहद खराब रही। श्रीलंका की बाएं हाथ के स्पिनर इनोका रणवीरा (46 रन पर चार विकेट) ने भारत का स्कोर छह विकेट पर 124 रन कर दिया।
रणवीरा (39 वर्ष) ने अच्छी तरह जम चुकी हरलीन, जेमिमा रोड्रिग्स (0) और कप्तान हरमनप्रीत कौर (21) को पांच गेंद के भीतर आउट करके भारतीय मध्यक्रम को ध्वस्त किया।
श्रीलंकाई कप्तान चामरी अटापट्टू ने ऋचा घोष को आउट करके भारत को एक और झटका दिया जिससे भारतीय टीम ने चार रन पर चार विकेट गंवा दिए।
उदेशिका प्रबोधनी ने इससे पहले चौथे ही ओवर में फॉर्म में चल रही स्मृति मंधाना (08) को पवेलियन भेजा।
दसवें ओवर के बाद बारिश के कारण 80 मिनट तक खेल रुका गया और खेल दोबारा शुरू होने पर रणवीरा ने अपने पहले ही ओवर में सलामी बल्लेबाज प्रतीका रावल (37) को आउट कर दिया जो अच्छी लय में दिख रही थीं लेकिन उन्होंने कई खाली गेंद खेली।
भाषा सुधीर आनन्द
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