मुंबई, 30 सितंबर (भाषा) महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने मंगलवार को ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) नीति-2025 को मंजूरी दे दी। इस नीति का उद्देश्य बुनियादी ढांचे के निर्माण और प्रशासनिक दक्षता के माध्यम से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक विकास को बढ़ावा देना है।
इस नीति से वर्ष 2025 से 2030 के बीच 50,600 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित होने और चार लाख अतिरिक्त नौकरियां सृजित होने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस नीति को मंजूरी दी गई। वर्तमान में भारत में 1,900 से अधिक जीसीसी हैं, जो लगभग 19 लाख लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं।
महाराष्ट्र में 400 जीसीसी हैं, जो लगभग चार लाख लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, नयी नीति के तहत 400 और जीसीसी स्थापित किए जाएंगे, जिससे चार लाख कुशल लोगों के लिए नौकरियां सृजित होंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह नीति उच्च-मूल्य वाले वैश्विक निवेश को आकर्षित करने, विश्व स्तरीय आर्थिक केंद्र स्थापित करने और डिजिटल डेटा बैंक विकसित करने में मदद करेगी। इसका विस्तार नासिक, नागपुर और छत्रपति संभाजीनगर जैसे टियर-2 और टियर-3 शहरों पर केंद्रित होगा।
जीसीसी डिजिटल परिवर्तन, नवाचार, प्रौद्योगिकी, वित्त, इंजीनियरिंग, विपणन, अनुसंधान और विकास में सेवाएं प्रदान करते हैं।
सीएमओ ने कहा कि यह नीति ‘विकसित भारत 2047’ के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जिसका लक्ष्य उच्च-मूल्य वाले ज्ञान-आधारित निवेश और अनुसंधान को बढ़ावा देकर देश को 30 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है।
इसमें कहा गया है कि कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात पहले ही अलग-अलग जीसीसी नीतियों की घोषणा कर चुके हैं।
भाषा संतोष दिलीप
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