नयी दिल्ली, 30 सितंबर (भाषा) भारतीय वनस्पति तेल उत्पादक संघ (आईवीपीए) ने मंगलवार को आयात में हुई गिरावट, नीतिगत बदलावों और विकसित होते मुक्त व्यापार समझौतों के बीच खाद्य तेल में आत्मनिर्भरता हासिल करने की ओर तेजी से बढ़ने का आह्वान किया।
भारत के खाद्य तेल शोधन उद्योग का प्रतिनिधित्व करने वाले आईवीपीए ने कहा कि वनस्पति तेल क्षेत्र पाम और सोयाबीन तेलों की वैश्विक कीमतों में उतार-चढ़ाव, विकसित होते मुक्त व्यापार समझौतों और घरेलू नीतिगत चुनौतियों से चिह्नित एक महत्वपूर्ण दौर से गुजर रहा है।
संघ ने अपनी 48वीं वार्षिक आम बैठक के बाद एक बयान में कहा, ‘‘यहां तक कि ये गतिशीलताएं रणनीतिक सोर्सिंग और परिचालन दक्षता के अवसर प्रदान करती हैं, ये किसानों के एमएसपी को सुनिश्चित करने, खाद्य तेल से प्रेरित मंहगाई को नियंत्रित करने और खाद्य मूल्य स्थिरता बनाए रखने के बीच आवश्यक नाजुक संतुलन की जरुरत को भी उजागर करती हैं।’’
सुधाकर देसाई ने वर्ष 2025-2026 के कार्यकाल के लिए आईवीपीए के अध्यक्ष के रूप में फिर से कमान संभाल ली है।
देसाई ने कहा, ‘‘आयात स्थिर होने और गिरावट के संकेत मिलने के साथ, दालों, चावल और गेहूं जैसी अन्य प्रमुख फसलों से मिल रही प्रतिस्पर्धा के बावजूद, खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ने की जरूरत फिर से महसूस की जा रही है।’’
विजय कुमार जैन (उपाध्यक्ष, पतंजलि फूड्स), अमरेंद्र मिश्रा (एमडी, एडीएम), भावना शाह (उप सीईओ, एनके प्रोटीन्स) और धृतिमान बिस्वास (वरिष्ठ निदेशक - सरकारी संबंध, दक्षिण एशिया, कारगिल इंडिया) को आईवीपीए के उपाध्यक्ष पद की फिर से जिम्मेदारी दी गयी है।
भाषा राजेश राजेश रमण
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