Breaking News

क्रिकेटर तिलक वर्मा ने मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से मुलाकात की     |   चेन्नई: थर्मल पावर स्टेशन में बड़ा हादसा, 9 ने गंवाई जान, कई जख्मी     |   चेन्नई थर्मल पावर प्लांट में बड़ा हादसा, 9 लोगों की मौत     |   यूक्रेन युद्ध खत्म न होने की वजह से पुतिन से बहुत निराश हूं- डोनाल्ड ट्रंप का बयान     |   दिल्ली: सीआर पार्क के काली मंदिर पहुंचे पीएम मोदी, दुर्गा पूजा में हुए शामिल     |  

रेलवे की ओर से करीब 29 हजार पदों को समाप्त करना सुरक्षा से समझौता होगा : एआईआरएफ

नयी दिल्ली, 30 सितंबर (भाषा)रेलवे बोर्ड द्वारा 2025-26 में हजारों रिक्तियों के बावजूद 29,243 पदों को समाप्त करने का कदम सुरक्षा और परिचालन दक्षता से समझौता होगा। यह दावा ऑल इंडिया रेलवेमैन फेडरेशन (एआईआरएफ) के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने किया है।

एआईआरएफ उन दो मान्यता प्राप्त महासंघों में से एक है जो लाखों रेलवे कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करता है।

मिश्रा ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ को लिखे पत्र में कहा कि फेडरेशन ने भारतीय रेलवे में बड़े पैमाने पर किए जा रहे आधुनिकीकरण और विस्तार परियोजनाओं तथा इन पहलों के प्रबंधन के लिए आवश्यक जनशक्ति के बीच गंभीर असंतुलन को स्पष्ट रूप से उजागर किया है।

पत्र में कहा गया, ‘‘पटरियों के दोहरीकरण और तिहरीकरण, विद्युतीकरण कार्य, उच्च गति और अतिरिक्त मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन, स्टेशनों के बुनियादी ढांचे में सुधार और अन्य महत्वाकांक्षी परियोजनाओं ने निस्संदेह परिचालन क्षमता का विस्तार किया है। हालांकि, इनसे मौजूदा कर्मचारियों पर भारी अतिरिक्त जिम्मेदारियां भी आ गई हैं।’’

इसमें कहा गया, ‘‘दुर्भाग्यवश, रेलवे की परिसंपत्तियों में भारी वृद्धि के अनुपात में नए पद सृजित करने के बजाय, रेलवे बोर्ड ने पदों में कटौती करने के लक्ष्य पर काम करना जारी रखा है।’’

मिश्रा ने कहा कि फेडरेशन द्वारा 19 मार्च, 2025 को अपने अभ्यावेदन में 2024-25 में पदों को समाप्त करने के कड़े विरोध के बावजूद, रेलवे बोर्ड ने 2025-26 के लिए पदों के समाप्त करने के लक्ष्यों को लेकर अपना परिपत्र जारी किया।

मिश्रा ने पत्र में कहा, ‘‘यह निर्णय बेहद चिंताजनक है। एक ओर, देश तेज रफ्तार रेलगाड़ियों, नई सेवाओं, आधुनिक स्टेशन और बुनियादी ढांचे के विस्तार की मीडिया खबरों को गर्व से देखता है। दूसरी ओर, पद अब भी रिक्त हैं और उन्हें समाप्त करने के लिए अविवेकपूर्ण लक्ष्य निर्धारित किए जा रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे विरोधाभासी कदम न केवल कर्मियों पर बोझ डालते हैं, बल्कि उनमें गंभीर मनोवैज्ञानिक तनाव भी पैदा करते हैं, जिससे उनके मनोबल और कार्यक्षमता पर असर पड़ता है।’’

दक्षिण मध्य रेलवे (एससीआर) का उदाहरण देते हुए मिश्रा ने शिकायत की कि विभिन्न श्रेणियों में पहले से ही 13,564 रिक्तियां मौजूद होने के बावजूद 1,866 पदों को समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।

उन्होंने कहा,‘‘भारतीय रेलवे में कुल मिलाकर 29,243 पदों को समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे सुरक्षा, परिचालन दक्षता और रेलवे के प्रदर्शन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि रेलवे एक ऐसा संगठन है जिसकी समर्पण के साथ राष्ट्र की सेवा करने की लंबी और गौरवशाली विरासत है।’’

भाषा धीरज रंजन

रंजन