शिमला, 30 सितंबर(भाषा) हिमाचल प्रदेश के दो प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत तकनीकी सहायता एजेंसी के लिए बोली लगाते समय प्रक्रियागत चूक करने के मामले में अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई है।
ग्रामीण विकास विभाग के सचिव ने कार्मिक विभाग के सचिव को पत्र लिखकर राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एसआरएलएम) के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनिल कुमार और पूर्व खंड विकास अधिकारी कल्याणी गुप्ता के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है।
एसआरएलएम के उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने 25 सितंबर 2025 को लिखे पत्र में कहा कि जांच रिपोर्ट में 2022 और 2024 के बीच तकनीकी सहायता एजेंसी को नियुक्त करने में दोनों अधिकारियों द्वारा अपनाई गई निविदा प्रक्रिया में खामियों को चिह्नित किया गया है।
आंतरिक जांच रिपोर्ट के मुताबिक बोली प्रक्रिया व्यवस्थित नहीं थी तथा इस दौरान मौजूदा सरकारी नियमों व नीतियों तथा हिमाचल प्रदेश वित्तीय नियम 2009 का पालन नहीं किया गया।
रिपोर्ट के मुताबिक एसआरएलएम के सीईओ के रूप में अनिल कुमार ने निविदा प्रक्रिया शुरू करने से पहले वित्तीय मंजूरी या सक्षम प्राधिकारी की आवश्यक मंजूरी नहीं ली थी।
पत्र में कहा गया है कि जांच रिपोर्ट के आधार पर दोनों अधिकारियों को 18 जनवरी, 2025 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया और 31 जनवरी को प्राप्त उनके जवाब असंतोषजनक पाए गए।
अनिल कुमार वर्तमान में शिमला में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के पद पर तैनात हैं जबकि कल्याणी गुप्ता लाहौल-स्पीति जिले के केलांग में आईटीडीपी परियोजना अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं।
भाषा धीरज वैभव
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