बलिया (उप्र), 30 सितंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में एक फार्मासिस्ट समेत दो स्वास्थ्य कर्मियों पर फर्जी नियुक्ति पत्रों का इस्तेमाल कर सरकारी नौकरी हासिल करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि फेफना स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के अधीक्षक डॉक्टर बाबूलाल मंडल की शिकायत पर फार्मासिस्ट राम प्रताप सिंह के खिलाफ फर्जी नियुक्ति पत्र के आधार पर सीएचसी में नियुक्ति पाने के आरोप में सोमवार देर रात फेफना थाने में मामला दर्ज किया गया।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अगस्त 2024 में विसंगतियां उस वक्त सामने आईं जब विभाग के पोर्टल पर एक समान ‘नाम, पिता के नाम और जन्मतिथि’ वाले कर्मचारियों को वेतन दिए जाने की पुष्टि हुई।
अधिकारियों ने बताया कि मामले की जांच के बाद महानिदेशक (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) ने 20 सितंबर को बलिया के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) को सूचित किया कि फार्मासिस्ट राम प्रताप सिंह का नियुक्ति पत्र जाली है।
उन्होंने बताया कि महानिदेशक ने स्पष्ट किया कि इसी नाम से असली फार्मासिस्ट वाराणसी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के अधीन नियुक्त किया गया था और वह मिर्जापुर जिले का रहने वाला है।
ऐसे ही एक अन्य मामले में बैरिया थाने की पुलिस ने मुरली छपरा सीएचसी की प्रभारी डॉक्टर देवनीति की शिकायत पर सीएचसी जयप्रकाश नगर के डाक सहायक सुधीर कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। उन पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति पाने का आरोप लगाया गया है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर संजीव वर्मन ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि महानिदेशक के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए 2016 से कार्यरत दोनों कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है।
बैरिया के पुलिस क्षेत्राधिकारी मोहम्मद फहीम कुरैशी ने बताया कि दोनों मामलों की जांच की जा रही है।
भाषा सं सलीम
सुरेश
सुरेश