Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ओड़िशा के झारसुगुड़ा से भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) के स्वदेशी 4G नेटवर्क का उद्घाटन किया। यह कदम देश के दूरसंचार क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है और BSNL के चांदी जयंती समारोह के अवसर पर इसे और भी खास बनाया गया।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर 97,500 से अधिक मोबाइल 4G टावरों का उद्घाटन किया, जिनमें से 92,600 टावर नई 4G तकनीक वाले हैं। इन टावरों का निर्माण लगभग ₹37,000 करोड़ की लागत से किया गया है और ये पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित हैं। इससे भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जिनके पास घरेलू टेलीकॉम निर्माण क्षमता है।
डिजिटल इंडिया और ग्रामीण सशक्तिकरण
अधिकारियों ने बताया कि यह कदम डिजिटल कनेक्टिविटी बढ़ाने और ग्रामीण क्षेत्रों के सशक्तिकरण में मदद करेगा। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘स्वदेशी’ 4G नेटवर्क डिजिटल इंडिया के विजन के अनुरूप है और इससे 20 लाख नए सब्सक्राइबर्स को लाभ मिलेगा। नेटवर्क क्लाउड-आधारित और भविष्य के 5G अपग्रेड के लिए तैयार है।
ग्रामीण इलाकों में कनेक्टिविटी का विस्तार
इस परियोजना के तहत 26,700 गांव को पहली बार मोबाइल नेटवर्क से जोड़ा जाएगा, जिनमें ओड़िशा के 2,472 गांव शामिल हैं। इनमें कई गांव दूरदराज, सीमा क्षेत्र और माओवादी प्रभावित क्षेत्र में स्थित हैं। इससे ग्रामीण इलाकों में मोबाइल सेवाओं की पहुंच बढ़ेगी और डिजिटल भागीदारी को मजबूती मिलेगी।
हरित और टिकाऊ इन्फ्रास्ट्रक्चर
इस विस्तार का एक प्रमुख पहलू सौर ऊर्जा से चलने वाले टावर हैं। ये देश के सबसे बड़े ग्रीन टेलीकॉम नेटवर्क क्लस्टर का हिस्सा हैं और टिकाऊ आधारभूत संरचना के विकास को बढ़ावा देंगे।
प्रधानमंत्री का संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "ओड़िशा प्राकृतिक रूप से बहुत समृद्ध है। यह दशक ओड़िशा को समृद्धि की ओर ले जाएगा। केंद्रीय सरकार ने हाल ही में ओड़िशा में दो सेमीकंडक्टर यूनिट्स को मंजूरी दी है। एक सेमीकंडक्टर पार्क भी बनाया जाएगा।"
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि, "प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमने शुद्ध स्वदेशी तकनीक विकसित की है। जब कनेक्टिविटी गांवों तक पहुंचेगी, तभी हम उन्हें दुनिया से जोड़ पाएंगे।"
डिजिटल भारत निधि पहल
प्रधानमंत्री ने डिजिटल भारत निधि के माध्यम से भारत का 100 प्रतिशत 4G सैचुरेशन नेटवर्क भी लॉन्च किया। इस मिशन के तहत लगभग 29,000 से 30,000 गांवों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।
इस स्वदेशी 4G नेटवर्क लॉन्च से भारत के दूरसंचार क्षेत्र को नई ताकत मिली है और ग्रामीण इलाकों में डिजिटल पहुंच को सुदृढ़ बनाने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।