हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में करसोग की घाटियां कभी हरी-भरी और शांत हुआ करती थीं, लेकिन अब हर तरफ मलबा ही नजर आ रहा है। बादल फटने, भूस्खलन और लगातार बारिश ने यहां सब कुछ तबाह कर दिया है। हालात इस कदर खराब हैं कि सड़कें बह गई हैं और संचार लाइनें खामोश हैं। प्रत्यक्षदर्शी उस भयावह रात को याद करते हैं जब बादल फटने से घरों में पानी भर गया था और तेज बहाव में कई वाहन बह गए थे।
उस हृदय विदारक घटना में मुश्किल से बचे लोगों ने बताया कि किस प्रकार बादल फटने से उनका घर और खेती नष्ट हो गई। उनके कई अपनों की जान भी चली गई। गरीब परिवार से हैं। उस घर को बनाने में बहुत मेहनत लगी थी। उसकी लागत लगभग 30-35 लाख थी।”
अधिकारियों के मुताबिक उस भयानक त्रासदी में केवल मंडी में कम से कम 10 लोगों की जान चली गई, जबकि 30 से ज्यादा लोग अभी लापता हैं। इस बीच, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार बचाव अभियान चला रही हैं और जीवित लोगों की तलाश में मलबा खंगाल रही हैं।
हिमाचल प्रदेश में मानसून ने भारी तबाही मचाई है। लगातार हो रही बारिश की वजह से पूरे राज्य में भूस्खलन और बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। इस बीच, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रभावित इलाकों का दौरा कर नुकसान का आकलन कर रहे हैं और पीड़ितों को समय पर राहत पहुंचाने का आश्वासन दे रहे हैं।