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हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण जनजीवन ठप, रेल सेवा स्थगित, स्कूल भी बंद

Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश में मंगलवार को हुई भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बारिश के कारण रेल सेवा स्थगित कर दी गई, छह राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 1,311 सड़कें यातायात के लिए बंद कर दी गईं और स्कूल भी बंद कर दिए गए हैं।

स्थानीय मौसम विभाग ने आज के लिए राज्य के कुछ इलाकों में अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी देते हुए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है और अगले दिन भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी देते हुए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है। राज्य के मंडी में 289, शिमला में 241, चंबा में 239, कुल्लू में 169 और सिरमौर जिले में 127 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) 3 (मंडी-धरमपुर रोड), एनएच 305 (औट-सैंज), एनएच 5 (ओल्ड हिंदुस्तान-तिब्बत रोड), एनएच 21 (चंडीगढ़-मनाली रोड), एनएच 505 (खाब से ग्रामफू रोड) और एनएच 707 (हाटकोटी से पोंटा) अवरुद्ध हो गए हैं। आंतरिक क्षेत्रों में स्थिति और भी खराब है, जहां सड़कें कई दिनों तक अवरुद्ध रहती हैं और सेब उत्पादक अपनी फसल को बाजारों तक भेजने में असमर्थ हैं।

अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को शिमला-कालका रेलमार्ग पर भूस्खलन के बाद रेलगाड़ियां रद्द कर दी गईं। यह सेवा पांच सितंबर तक स्थगित रहेगी। कुल्लू ज़िले के आनी क्षेत्र में भूस्खलन के कारण एक निर्माणाधीन मकान क्षतिग्रस्त हो गया। किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है क्योंकि मकान को 2023 की मानसून आपदा के दौरान संकटग्रस्त घोषित कर दिया गया था और उसे खाली करा दिया गया था। सोमवार को आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत नौ जिलों के स्कूलों और कॉलेजों को बंद करने का आदेश दिया गया।

मंगलवार को शिमला, कांगड़ा, सिरमौर, ऊना, बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, लाहौल एवं स्पीति और सोलन जिलों के अलावा कुल्लू जिले के बंजार, कुल्लू और मनाली उपमंडल में सभी शैक्षणिक संस्थान बंद रहे। अधिकारियों ने बताया कि चंबा जिले में फंसे लगभग 5,000 मणिमहेश तीर्थयात्रियों को वापस घर भेजने के प्रयास जारी हैं।

उन्होंने बताया कि 15 अगस्त को यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 16 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है। नैना देवी में सोमवार शाम से 198.2 मिलीमीटर बारिश हुई है, जो राज्य में सबसे ज़्यादा है। रोहड़ू में 80 मिमी, जोत में 61.2 मिमी, बग्गी में 58.5 मिमी, कुकुमसेरी में 55.2 मिमी, नादौन में 53 मिमी, ओलिंदा में 50 मिमी, नंगल बांध में 49.8 मिमी, ऊना में 49 मिमी, भुंतर में 47.7 मिमी, सराहन में 47.5 मिमी, बंजार में 42 मिमी और बिलासपुर में 40.2 मिमी बारिश हुई।

एसईओसी के आंकड़ों के अनुसार, मानसून शुरू होने के बाद से बारिश से जुड़ी घटनाओं और सड़क दुर्घटनाओं में कम से कम 327 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 41 लोग लापता हैं। एसईओसी ने बताया कि सोमवार को राज्य भर में 3,263 बिजली ट्रांसफार्मर और 858 जलापूर्ति योजनाएं बाधित रहीं।

हिमाचल प्रदेश में 20 जून को मानसून के दस्तक देने के बाद से राज्य में 95 बार अचानक बाढ़, 45 बार बादल फटने और 115 भीषण भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस मानसून में अब तक राज्य को 3,158 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।