Rajasthan: राजस्थान के स्कूलों में अब ‘आज़ादी के बाद का स्वर्णिम भारत’ पार्ट-1 और पार्ट-2 किताबें नहीं पढ़ाई जाएंगी। राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इन पुस्तकों को पाठ्यक्रम से हटाने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि इन किताबों से छात्रों को कोई अंक नहीं मिलते और ये सिर्फ नेहरू-गांधी परिवार का महिमामंडन करती हैं।
मंत्री दिलावर ने सवाल उठाया कि, “इन किताबों में सरदार पटेल और लाल बहादुर शास्त्री का नाम क्यों नहीं है? क्या सिर्फ गांधी परिवार की तारीफ के लिए ये किताबें लिखी गई हैं? क्या हम ऐसी किताबें चलाएंगे? बिल्कुल नहीं चलाएंगे।” उन्होंने विपक्ष पर राम मंदिर निर्माण और अनुच्छेद 370 हटाने का विरोध करने का भी आरोप लगाया।
इस फैसले पर कांग्रेस ने कड़ा विरोध जताया है। कांग्रेस का कहना है कि सरकार किताबें हटवा सकती है लेकिन जनता की सोच को नहीं बदल सकती।
राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा, “मुझे लगता है कि ये किताबें भारत के इतिहास और सभी नेताओं के योगदान के बारे में बताती हैं, चाहे वह अटल बिहारी वाजपेयी हों, मुरारजी देसाई, नरेंद्र मोदी, मनमोहन सिंह या इंदिरा गांधी। इनका उद्देश्य किसी एक विचारधारा को थोपना नहीं है। लेकिन बीजेपी सिर्फ आरएसएस की सोच थोपना चाहती है। उन्हें भारत के इतिहास और विरासत की परवाह नहीं है।”
डोटासरा ने यह भी कहा कि जब किताबें पहले से छप चुकी हैं और 80 प्रतिशत छात्रों तक पहुंच चुकी हैं, तो अब उन्हें हटाना गलत है। उन्होंने कहा, “अगर अब कहा जाए कि सिर्फ नरेंद्र मोदी के बारे में पढ़ाया जाएगा, तो यह गलत है और ऐसा नहीं चलेगा।”