महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में मंगलवार सुबह 20 साल के मेडिकल छात्र अनुराग अनिल बोरकर ने अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। अनुराग ने इस साल NEET में शानदार प्रदर्शन कर AIIMS गोरखपुर में OBC कोटा के तहत सीट हासिल की थी।
परिवार के मुताबिक, अनुराग की माता ने सुबह करीब 4 बजे उसे कमरे में लटका पाया। उस दिन परिवार उसकी MBBS की पढ़ाई शुरू कराने के लिए गोरखपुर जाने की तैयारी कर रहा था। अनुराग ने NEET में ऑल इंडिया रैंक 1,475 प्राप्त की थी और पहले प्रयास में क्वालिफाई करने के बावजूद उन्होंने दूसरी बार परीक्षा दी ताकि अपनी पसंद के कॉलेज में प्रवेश पा सकें।
सिंडेवाही पुलिस स्टेशन के प्रभारी कंचन पांडे ने बताया कि कमरे से एक सुसाइड नोट मिला है। नोट में अनुराग ने लिखा कि वह MBBS नहीं करना चाहता। उसने कहा, “मैं MBBS नहीं करना चाहता। एक व्यवसायी उतना ही कमा लेता है जितना एक डॉक्टर। मैं पांच साल पढ़ाई करके MD नहीं करना चाहता।”
पुलिस का कहना है कि सुसाइड नोट से पता चलता है कि अनुराग मेडिकल पढ़ाई का दबाव सह नहीं पाया। पड़ोसियों ने बताया कि अनुराग एक होनहार छात्र था और उसका परिवार भी काफी पढ़ा-लिखा है। उसकी बहन पिछले साल जिला टॉपर रही थी।
इस घटना से स्थानीय लोग और छात्र समुदाय सकते में हैं, और मानसिक स्वास्थ्य और करियर दबाव पर गंभीर चर्चा शुरू हो गई है।