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मुक्केबाज निशांत ने पेरिस ओलंपिक में बनाई जगह, अमित और सचिन एक जीत दूर

निशांत देव पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए क्वालीफाई करने वाले चौथे भारतीय और पहले पुरुष मुक्केबाज बन गए हैं। विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता और पिछले क्वालीफायर्स में मामूली अंतर से ओलंपिक का टिकट कटाने से चुके, निशांत ने क्वार्टर फाइनल में मोल्दोवा के वासिल सेबोटारी को 5-0 से हराकर कोटा हासिल किया।

निशांत से पहले महिला मुक्केबाज निकहत जरीन (50 किलो), प्रीति पवार (54 किलो) और लवलीना बोरगोहेन (75 किलो) पेरिस के लिए अपना टिकट पक्का कर चुकी हैं। अमित पंघाल (51 किलो) और सचिन सिवाच (57 किलो) भी अपनी- अपनी कैटेगरी में पेरिस कोटा के काफी करीब पहुंच गए हैं। 

पुरुषों के 71 किलो वर्ग में पांच कोटा दांव पर लगे थे और इस तरह से निशांत ने सेमीफाइनल में जगह बनाकर पेरिस ओलंपिक में अपनी जगह पक्की कर ली है। टूर्नामेंट में अभी तक अपना दबदबा बनाए रखने वाले निशांत ने फिर से आक्रामक शुरुआत की और शुरू से ही दनादन मुक्के जड़कर अपने विरोधी को हरा दिया।
 
सेबोटारी ने दूसरे राउंड में हावी होने की कोशिश की, लेकिन भारतीय मुक्केबाज ने सटीक मुक्के जड़ना जारी रखा। तीसरे और अंतिम राउंड में दोनों मुक्केबाज थके हुए नजर आए, लेकिन निशांत ने तब भी अपनी आक्रामकता बनाए रखी और मैच अपने नाम कर लिया। सिवाच भी क्वार्टर फाइनल में 2021 विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता फ्रांस के मुक्केबाज सैमुअल किस्टोहुर्री पर 4-1 की जीत के साथ ओलंपिक टिकट के करीब पहुंच गए हैं। 

57 किलो कैटेगरी में सिर्फ एक कोटा है, ऐसे में सिवाच को एक और मुकाबला जीतना होगा। इससे पहले अंकुशिता बोरो की एग्नेस एलेक्सियसन से 2-3 से हार के साथ ही भारत की महिलाओं के 60 किलो वर्ग में ओलंपिक कोटा हासिल करने की उम्मीदें भी खत्म हो गई। 

भारत की 23 साल की खिलाड़ी ने अपनी स्वीडिश विरोधी के सामने कड़ी चुनौती पेश की, लेकिन यूरोपीय खेलों की पूर्व पदक विजेता खिलाड़ी ने अपने अनुभव के दम पर बोरो को बाहर का रास्ता दिखा दिया। पूर्व विश्व युवा चैंपियन बोरो ने धीमी शुरुआत की, लेकिन पहले राउंड के आखिर में उन्होंने लय हासिल कर ली थी।