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राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय नोएडा व IGSI ने संवादहीनता विषय पर संगोष्ठी की आयोजित

राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, नोएडा मे महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर( डॉक्टर )आर के गुप्ता के संरक्षण में इंटरनेशनल गुडविल सोसायटी ऑफ़ इंडिया- नोएडा चैप्टर के अंतर्गत "वर्तमान परिवेश में परिवारों में बढ़ती संवादहीनता" विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में डॉ जे पी शर्मा (प्रेसिडेंट -रिटायर्ड आईएएस), डॉ के० सी० शर्मा (सेंट्रल काउंसिल वाइस प्रेसिडेंट), प्रो० डॉ० आर के गुप्ता (सेक्रेटरी), ए० के० लाल (जॉइंट सेक्रेटरी-रिटायर्ड पीसीएस) व डॉ उषा रमन उपस्थित रहे। वाणिज्य विभागाध्यक्ष प्रोफेसर दिनेश चंद ने माता-पिता व संतान के बीच संवादहीनता के कारण व उपाय की चर्चा की और कहा कि बच्चों से सकारात्मक वार्तालाप के द्वारा समाधान किया जा सकता हैं। 

प्रोफेसर अनीता मिश्रा ने सामाजिक घटनाक्रम, संवाद व प्रतिवाद के विषय में बताया और संवादहीनता के सैद्धांतिक पक्ष व दर्शन पक्ष की व्याख्या की। अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रोफेसर शैली श्रीवास्तव ने कहा कि माता-पिता को संतान के प्रति कठोर रवैया न अपनाते हुए सकारात्मक वार्तालाप करना चाहिए और स्वयं नैतिक मूल्य का अनुसरण कर बच्चों को सिखाना चाहिए। लेफ्टिनेंट डॉक्टर सूक्ष्म रानी अनेजा ने परिवार मैं संवादहीनता के सुझावों पर चर्चा करते हुए कहा कि धार्मिक परंपराओं और नैतिक मूल्यों को अपनाकर हम इसका समाधान कर सकते हैं। शारीरिक शिक्षा की विभागाध्यक्ष डॉ रेनू तोमर ने संवाद का अर्थ बताते हुए कहा कि हमें सुनने के लिए भी स्वयं को सक्षम बनाना चाहिए ताकि बच्चों मे मानवीय मूल्य व पारस्परिक जुड़ाव को बनाए रख सके। 

प्रेसिडेंट डॉ जेपी शर्मा ने कहा की गुडविल सोसायटी का उद्देश्य सामाजिक मुद्दों पर चर्चा करना और उचित समाधान प्रस्तुत करना भी है परिवार में संवादहीनता के कारण का पता लगाकर उपयुक्त सुझाव भी प्रस्तुत किए जा सकते हैं और व्यावहारिकता को अपना कर परिवार के बच्चों को मानवीय मूल्य से परिचित करा सकते हैं। वाइस प्रेसिडेंट डॉक्टर के सी शर्मा ने कहा कि हमें जीवन में समस्या का समाधान खोजना चाहिए और हर परिस्थिति में सामंजस्य बनाए रखना चाहिए। समाज के सर्वांगीण विकास हेतु सामाजिक समस्याओं की जानकारी होनी चाहिए और इसको सकारात्मक संवाद के द्वारा निस्तारित करना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने सिंपैथी और एंपैथी के अंतर से भी सभी को परिचित कराया। 

ऊषा रमन ने कहा कि बच्चों का पालन पोषण प्रेम पूर्वक करना चाहिए ताकि बच्चों से संवाद बना रहे और उम्र के अनुसार उनको अनुशासन, धार्मिक मूल्य व संस्कार इत्यादि प्रदान करना चाहिए। जॉइंट सेक्रेटरी डॉ ए० के० लाल ने संवादहीनता के विभिन्न कारणों जैसे जीवन मूल्यों में बदलाव, भौतिकता, बढ़ती जनसंख्या, कार्य क्षेत्र की सीमा का बढ़ना, भाग दौड़ भरी जिंदगी इत्यादि बताते हुए इसके समाधान में बच्चों को जीवन मूल्य प्रदान करना, बच्चों की बात सुनना, एक साथ बैठना और बच्चों को प्रोत्साहित करना इत्यादि बताया। 

महाविद्यालय के प्राचार्य और सेक्रेटरी प्रोफेसर डॉक्टर आर के गुप्ता ने प्रेसिडेंट महोदय डॉक्टर जेपी शर्मा को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि आज के परिवेश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ इमोशनल इंटेलिजेंस की भी आवश्यकता है। संवाद सकारात्मक भावना द्वारा भी किया जा सकता है। उन्होंन कहा कि बच्चों में गुणों को विकसित कर सकारात्मक संवाद द्वारा समझाया जा सकता है। कार्यक्रम का संचालन हिंदी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर मंजू शुक्ला द्वारा किया गया और उन्होंने पारिवारिक आत्मीयता, सकारात्मक वार्तालाप व जीवन के विभिन्न अनुभवों से सभी को परिचित कराया। इस अवसर पर संपूर्ण महाविद्यालय परिवार उपस्थित रहा।