दिल्ली में मानसून ने अपनी सामान्य तिथि 27 जून के दो दिन बाद दस्तक दी और देश के शेष हिस्सों में यह सामान्यत: आठ जुलाई से नौ दिन पहले ही पहुंच गया है। आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, 2020 के बाद यह पहला मौका है जब मानसून पूरे देश में इतनी जल्दी पहुंचा है। आईएमडी ने एक बयान में कहा, ‘‘मॉनसून रविवार, 29 जून 2025 को राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा के शेष हिस्सों और पूरी दिल्ली में पहुंच गया।’’ मौसम विभाग ने कहा कि अगले सात दिनों तक देश के उत्तर-पश्चिम, मध्य, पूर्वी और पूर्वोत्तर हिस्सों में अत्याधिक बारिश होने का पूर्वानुमान है। इसके अलावा, झारखंड में 29 और 30 जून और ओडिशा में 29 जून को कुछ जगहों पर अत्यधिक बारिश होने की संभावना है।
आमतौर पर मानसून एक जून को केरल में दस्तक देता है और आठ जुलाई तक पूरे देश में पहुंच जाता है। इसकी वापसी 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से शुरू होती है और 15 अक्टूबर तक लौट जाता है। इस वर्ष मानसून 24 मई को केरल पहुंचा, जो भारतीय उपमहाद्वीप में 2009 के बाद इसका सबसे जल्दी आगमन है। वर्ष 2009 में मानसून 23 मई को केरल पहुंचा था। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने निम्न दबाव के क्षेत्र के कारण मानसून तेजी से आगे बढ़ा और 29 मई तक मुंबई समेत मध्य महाराष्ट्र और पूर्वोत्तर भारत तक पहुंच गया। हालांकि, इसके बाद मानसून के आगे बढ़ने की गति लगभग 18 दिनों तक (29 मई से 16 जून तक) स्थिर रही। आईएमडी के अनुसार, इस ठहराव के बाद मानसून धीरे-धीरे अन्य हिस्सों में आगे बढ़ा, लेकिन दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में इसकी प्रगति चक्रवात-रोधी हवाओं के कारण बाधित रही।
दिल्ली में मानसून ने पिछले वर्ष 28 जून को, 2023 में 25 जून, 2022 में 30 जून, 2021 में 13 जुलाई और 2020 में 25 जून को दस्तक दी थी। आईएमडी ने मई में पूर्वानुमान जताया था कि इस बार देश में जून से सितंबर के बीच औसत से 106 प्रतिशत ज्यादा बारिश हो सकती है। सामान्य बारिश की परिभाषा 87 सेंटीमीटर की दीर्घकालिक औसत के 96 से 104 प्रतिशत के बीच मानी जाती है। इस बार, अधिकांश क्षेत्रों में सामान्य से अधिक बारिश की संभावना है, जबकि लद्दाख, हिमाचल प्रदेश से सटे क्षेत्र, पूर्वोत्तर, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के कुछ हिस्सों में कम बारिश हो सकती है। पंजाब, हरियाणा, केरल और तमिलनाडु के कुछ इलाकों में भी कम बारिश होने का अनुमान है। भारत में मानसून कृषि क्षेत्र के लिए बेहद अहम है, जो देश की 42 प्रतिशत आबादी की आजीविका से जुड़ा है और सकल घरेलू उत्पाद में 18.2 प्रतिशत का योगदान देता है। यह पेयजल और बिजली उत्पादन के लिए भी महत्वपूर्ण है।
राजधानी दिल्ली में हुई भारी बारिश
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