पांच सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया गया. टीचर और स्टूडेंट का रिश्ता काफी गरिमापूर्ण माना जाता है. एक टीचर स्टूडेंट को जिंदगी के सही-गलत के फैसले लेना सिखाता है. पढ़ाई के अलावा भी टीचर एक स्टूडेंट को कई तरह की बातें सिखाता है. कह सकते हैं कि माता-पिता के बाद टीचर ही बच्चे के चरित्र का निर्माण करने में अहम भूमिका निभाता है. लेकिन जब टीचर अपनी मर्यादा भूल जाता है तो टीचर स्टूडेंट के बीच की गरिमा भंग हो जाती है.
टीचर की पोस्ट को शर्मसार करने का एक मामला छत्तीसगढ़ से सामने आया है. यहां बलरामपुर के एक स्कूल के प्रिंसिपल ने सातवीं की छात्रा से ऐसी बात कह डाली कि छात्रा सदमे में चली गई. उसे ऐसा मानसिक तनाव हुआ कि उसके चेहरे से हंसी ही गायब हो गई. इस मामले पर एक्शन लेते हेउ कलेक्टर ने प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया है.
मामला वाड्रफनगर ब्लॉक के माध्यमिक विद्यालय का है. स्कूल में बच्चों को एल्बेंडाजोल टैबलेट खिलाया जा रहा था. लेकिन टैबलेट के साथ पानी नहीं दिया जा रहा था. ऐसे में सातवीं की एक छात्रा ने स्कूल के प्रिंसिपल से पानी मांगा. इस बात से प्रिंसिपल खफा हो गया और छात्रा से पहले नाले का पानी पीने को कहा. फिर सबके सामने अपना पेशाब पीने को कह डाला.
इस बात से छात्रा को काफी मानसिक तनाव हो गया. घर लौटने के बाद उसने रोते हुए ये बात अपने घरवालों को बताई. जब मामला सरपंच तक गया तब इसने तूल पकड़ लिया. शिक्षा अधिकारियों ने स्कूल में मामले की जांच करवाई. जांच में बात सही निकली. इसके बाद छात्रा से अभद्र भाषा में बात करने के लिए प्रिंसिपल रामकृष्ण त्रिपाठी को सस्पेंड कर दिया गया. बता दें कि इससे पहले प्रिंसिपल ने स्कूल में हिडेन कैमरा लगाया था. उसकी वजह से भी उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया जा चुका है.