कल्पना कीजिए कि आप नैनीताल की खूबसूरत झील में या जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में कुदरती खूबसूरती के बीच सुकून से छुट्टियां मनाने की योजना बनाते हैं। पैसे देकर ऑनलाइन होटल बुक करते हैं। और जब वहां पहुंचते हैं तो पता चलता है कि आप साइबर ठगी के शिकार हो चुके हैं। नैनीताल के होटल मालिकों ने बताया कि हाल में कई सैलानियों को साइबर ठगी का शिकार होना पड़ा है।
साइबर ठग लोकप्रिय होटलों और रिसॉर्ट की नकली वेबसाइट बनाते हैं। ये देखने में बिल्कुल असली वेबसाइट जैसे लगते हैं। अक्सर सैलानी इनकी जाल में फंस जाते हैं। साइबर ठगी का असर ना सिर्फ सैलानियों पर, बल्कि होटल कारोबारियों पर भी पड़ रहा है। अक्सर ठगी के शिकार सैलानी छुट्टी मनाने की योजना रद्द कर देते हैं, वापस लौट जाते हैं और होटलों की कमाई कम हो जाती है।
अधिकारी सैलानियों से अपील कर रहे हैं कि वे प्रामाणिक वेबसाइटों से ही बुकिंग करें। साथ ही साइबर ठगों के खिलाफ कार्रवाई की भी कोशिश की जा रही है। बेशक उत्तराखंड में साइबर ठगी का जोखिम कम करने की कोशिश की जा रही हो, फिर भी अधिकारी सैलानियों और होटल मालिकों से पूरी सावधानी बरतने की अपील कर रहे हैं।