चमोली जिले के थराली में रात भर से शुरू हुई भारी बारिश के बीच सोल घाटी के ऊपरी इलाकों में बिजली और गड़गड़ाहट के साथ भारी बारिश हुई। ब्रह्मताल सुपातल और भेकल ताल क्षेत्र में स्थित बादल फटने पहाड़ के पहाड़ बहकर प्राणमति नदी में आ गए. जिससे नदी ने और विकराल रूप ले लिया.
नदी का विकराल रूप बड़े-बड़े बोल्डर और पेड़ो को अपने साथ बहा ले गई. नदी की सरसराहट पांच किलोमीटर तक सुनाई दे रही थी. जैसे ही नदी में तेज आवाज आना शुरू हुई वैसे ही क्षेत्र में रह रहे लोगों ने थराली, कुलसारी, हरमनी में नदी किनारे रहे रहे लोगों को घरों से निकारकर सुरक्षित स्थान पर जाने को कहा.
तहसील और पुलिस प्रशासन की टीम ने लोगों को नदी किनारे से हटाया। थराली में पिंडर नदी के किनारे रहने वाले लोगों ने ग्वालदम थराली तिराहा और नासिर बाजार में जाकर रात बिताई। इससे पहले रविवार की रात को थराली गांव में प्राणमति नदी ने जो तबाही मचाई थी उससे भी अधिक मात्रा में मलबा फिर इस क्षेत्र में घुसा और फिर से वहां सैलाब आ गया।
रविवार को थराली और सुना को जोड़ने वाला मोटर पुल और झूला पुल प्राणणमति नदी के सैलाब में बह गया था। मंगलवार को ग्रामीणों ने यहां पर अस्थाई पुल का निर्माण किया था, लेकिन बुधवार की रात्रि को प्राणमति नदी में फिर से आई बाढ़ में यह पुल बह गया और फिर से थराली और सुना गांव की 5000 से अधिक जनसंख्या का संपर्क पूरी तरह से कट गया।