बीते लंबे समय से कर्णप्रयाग-ग्वालदम राजमार्ग पर कर्णप्रयाग-सिमली के बीच पाडुली में तैयार सुरंग अनुपयोगी पड़े होने से अब इनमें जंगली जानवरों के छिपने से पैदल राहगीरों को खतरा बना है। क्षेत्रीय जनता ने उपजिलाधिकारी से आधी अधूरी सुरंग को बंद करने की मांग की है।
ग्रामीणों ने कहा बीते लंबे समय से कर्णप्रयाग-सिमली में पाडुली के निकट नेशनल हाईवे पर बना सुरंग हिंसक पशुओं के छिपने का अड्डा बना है। कई बार पैदल राहगीरों और वाहन चालकों ने इन सुरंगों में हिंसक पशुओं को जाते देखा गया है और इस क्षेत्र में सुबह और शाम घूमने जाने वाले सहित स्कूली बच्चे गुजरते है।
ग्रामीण गोपी डिमरी ने कहा वर्ष 1980 के दशक में सिंचाई विभाग ने पाडुली के पास सुरंग तैयार की थी। सुरंग के खुला होने से पैदल आवागमन करने वाले मुसाफिर सुरंग को देखने जाते रहते हैं। लगभग सौ मीटर से अधिक लंबे पाडुली सुरंग में ठहराव करते लोगों को भी देखा गया है।