उत्तरकाशी के सिलक्यारा में सुरंग में कैद जिंदगियों को बाहर निकालने के लिए जुटी सतलुज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) करीब आठ वर्ष पूर्व हिमाचल प्रदेश में ऐसी ही घटना में तीन जान बचा चुकी है। निगम के अनुभव को देखते हुए अब उसे सिलक्यारा रेस्क्यू अभियान की जिम्मेदारी दी गई है। एसजेवीएन ने सिलक्यारा में मोर्चा संभाल लिया है और उम्मीद है कि जल्द सुरंग में फंसे 41 श्रमिक बाहर आ जाएंगे।
वर्ष 2015 में हिमाचल के बिलासपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही सुरंग में भूस्खलन होने पर तीन श्रमिक सुरंग के बीचों-बीच कैद हो गए थे। इस पर सुरंग विशेषज्ञ बुलाए गए और एसजेवीएन को रेस्क्यू ऑपरेशन की कमान सौंपी गई।
एसजेवीएन के नेपाल प्रोजेक्ट के सीईओ अरुण धीमान ने बताया कि बिलासपुर की घटना में निगम ने सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए घटनास्थल का सर्वे किया और इसके बाद विशेषज्ञों ने पहाड़ी के ऊपर से ड्रिल करने की योजना बनाई। उस दौरान 65 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग की आवश्यकता थी। इससे पहले श्रमिकों को पर्याप्त ऑक्सीजन, भोजन और पानी उपलब्ध कराने के लिए छह इंच व्यास के पाइप को होरिजेंटल ड्रिल से सुरंग के भीतर पहुंचाया गया।