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कतर से देहरादून अपने घर लौटे नौसेना के रिटायर्ड कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, परिवार में खुशी का माहौल

Dehradun: कतर की जेल से रिहा किए गए आठ पूर्व नौसैनिकों में से एक रिटायर्ड कैप्टन सौरभ वशिष्ठ का परिवार उनकी वतन वापसी से बेहद खुश है। देहरादून में अपने घर वापस आने पर परिवारवालों ने वशिष्ठ का फूल माला के साथ जोरदार स्वागत किया।

इस मौके पर सौरभ वशिष्ठ ने कहा, "ये दिन का बहुत बेसब्री से इंतजार था और आज मैं देहरादून में खड़ा हूं। ये व्यक्तिगत दखल हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और उनका इन्वॉल्वमेंट कतर सरकार के साथ और उनके अमीर का, ये उदार स्वभाव जिसके कारण आज ये हो पाया है जो नामुमकिन को मुमकिन कर पाए हैं। इसका पूरा श्रेय हमारी भारतीय सरकार को जाता है।"

अपने पति की रिहाई से हैरान मनसा वशिष्ठ ने कहा, "शब्द में बताना बहुत मुश्किल है। ये बहुत कठिन समय था क्योंकि कई अनिश्चितताएं थीं। मैं तब दोहा में रह रही थी क्योंकि हमें थोड़े समय के लिए उनसे मिलने जाना था। लेकिन मैं इसे छोड़ना नहीं चाहता था। लेकिन भगवान हैं , हमने प्रार्थना की और जब हम विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मिले और उन्होंने हमसे वादा किया कि सभी लोग देश वापस आ जाएंगे और उन्होंने वादा निभाया। इसलिए मेरे पति को वापस लाने के लिए सरकार को धन्यवाद। आपने मुझे मेरी जिंदगी वापस दे दी।"

घर लौटने पर सौरभ की मां ने कहा, "आकाश की तरह सागर की भी कोई सीमा नहीं होती, मेरी खुशी उससे परे है। कोई शब्द नहीं, बेहद खुशी।"

वहीं उनके पिता आर. के. वशिष्ठ ने कहा, "मुझे एक अननोन नंबर से कॉल आया था। मैंने उसे काट दिया। फिर कुछ सेकंड के बाद मुझे उसी नंबर से कॉल आया। उसने कहां पापा काटो मत मैं हूं सौरभ है। जब मैंने उससे उसकी लोकेशन पूछी तो उसने कहा कि वो दिल्ली से बोल रहा हूं और वो अपने साथियों के साथ वापस आ गया है। यह सुनने के बाद आप अंदाजा नहीं लगा सकते कि मैं और मेरी पत्नी कितने खुश थे।''