उत्तरकाशी में सुरंग ढहने वाली जगह पर बुधवार सुबह बचाव अभियान फिर से शुरू हो गया है। मंगलवार को उत्तराखंड में सिल्क्यारा सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों की पहली तस्वीर सामने आई थी। इसके बाद अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने मलबे को काटकर अंदर फंसे मजदूरों को निकालने के लिए रुका हुआ अभियान फिर से शुरू कर दिया है।
दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की तरफ से मंगलवार शाम को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि एनएचआईडीसीएल ने "सिल्कयारा छोर से क्षैतिज (हॉरिजॉन्टल) बोरिंग" फिर से शुरू कर जी है, जिसमें एक बरमा मशीन लगी थी। थोड़ी देर बाद शाम को सिल्क्यारा में एक और प्रेस वार्ता हुई, जिसमें ये स्पष्ट किया गया वास्तविक ड्रिलिंग दिन में बाद में शुरू होने वाली थी।
बचावकर्मियों ने चार धाम मार्ग पर निर्माणाधीन सुरंग के बालकोट-छोर पर भी दो विस्फोट किए, जिससे नौ दिनों से अंदर फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए एक और सुरंग को ड्रिल करने की प्रक्रिया शुरू हुई। लेकिन इसमें 40 दिन तक का समय लग सकता है। 12 नवंबर को निर्माणाधीन टनल का एक हिस्सा गिर जाने से 41 मजदूर अंदर फंस गए थे।
सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों में से एक बिहार के रहने वाले 33 साल के सबा अहमद हैं। उनके चाचा मिस्बाह अहमद ने पीटीआई-वीडियो से बात की और सरकार से अपने भतीजे को जल्द से जल्द सुरक्षित बाहर निकालने का आग्रह किया।