पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी रविवार को बाबा केदार के शरणागत हो गए। तीन दिन की निजी आध्यात्मिक यात्रा के पहले दिन ही राहुल ने केदारनाथ धाम में सांयकाल डेढ़ घंटे आरती में भाग लिया।
इसके बाद धाम में दर्शनों के लिए पंक्तिबद्ध श्रद्धालुओं को चाय बांटकर सेवाभाव का जिस तरीके से संदेश उन्होंने दिया, उसे उनके नई आध्यात्मिक छवि गढ़ने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। समझा जा रहा है कि इसके पीछे कांग्रेस की साफ्ट हिंदुत्व को नई धार देने की रणनीति भी है।
भाजपा के हिंदुत्व पर हमलावर रहे राहुल की नई छवि के सहारे कांग्रेस स्वयं से छिटक रहे हिंदू वोट बैंक को लुभाने पर भी बल दे रही है। पांच राज्यों में चुनाव प्रचार अंतिम पड़ाव की ओर है। ऐसे महत्वपूर्ण अवसर पर राहुल का तीन दिनी पलायन का जवाब रविवार को केदारनाथ धाम से ही मिला।
केदारनाथ धाम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की साधना स्थली रही है। बाबा केदार से अपने गहरे जुड़ाव को मोदी प्रदर्शित करते रहे हैं। राज्यों में विधानसभा चुनावो के प्रचार के समय राहुल एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी के सामने हैं। मोदी और भाजपा के बढ़ते हमलों के बीच राहुल ने अपनी आध्यात्मिक यात्रा के लिए की मोदी की साधना स्थली केदारनाथ धाम को चुना।