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देहरादून में अवैध मस्जिद और मदरसों को लेकर लोगों में आक्रोश, सील करने की मांग, दक्षिणपंथी संगठनों का प्रदर्शन

Dehradun: देहरादून में हिंदूवादी संगठन से जुड़े लोगों ने रिहायसी इमारतों में चल रही अवैध मस्जिदें और मदरसों को सील करने की मांग की. बता दे की National Conference के नेता उमर अब्दुल्ला ने रविवार को 'एक्स' (X) पर एक पोस्ट डालकर देहरादून में माहौल को गरमा दिया है. उन्होंने दावा किया कि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में लोगों को अपने घरों में इबादत करने की अनुमति नहीं है. फिर भी हमारे नेता कहते हैं कि भारत धार्मिक भेदभाव से मुक्त है. हालांकि, उमर अब्दुल्ला यही नहीं रुके. बाकायदा उन्होंने एक दक्षिणपंथी समूह के विरोध प्रदर्शन का जिक्र किया. वहीं, दूसरी ओर दक्षिणपंथी संगठनों ने देहरादून में अवैध रूप से संचालित मस्जिदें (Mosques) और मदरसों (Madrassas) को सील करने की मांग उठा दी है.

जिसका जिम्मा अब प्रशासन पर है कि वह मामले को कैसे डील करता है. कहां जा रहा है कि हिंदू जागरण मंच (Hindu Jagran Manch) ने आरोप लगाया कि एक आवासीय कॉलोनी के दो घरों को एक मस्जिद (Mosques) में बदल दिया गया है. दरअसल, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट शिव कुमार की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देहरादून में एक गृहस्वामी ने फ्लैट की छत 4-5 फुट ऊंची कर दी, दो फ्लैटों के बीच की दीवार हटा दी और इसे मस्जिद–मदरसे के रूप तब्दील करना शुरू कर दिया.

वही, दक्षिणपंथी समूह हिंदू जागरण मंच ने कहा कि देहरादून की जिला मजिस्ट्रेट सोनिका ने फ्लैट को सील करने का आदेश दिया था, लेकिन मसूरी देहरादून विकास प्राधिरण (MDDA) के सचिव मोहन सिंह बरनिया ने घर के मालिक को आवास को उसके मूल स्वरूप में लाने के लिए एक हफ्ते की मोहलत दे दी है. साथ ही वही हिंदू जागरण मंच की उत्तराखंड इकाई के चैयरमैन कृष्ण बोरा ने कहा कि मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए सजा के तौर पर आवंटियों का 99 साल का पट्टा रद्द कर दिया जाना चाहिए।

इसके साथ ही साथ हिंदू जागरण मंच की उत्तराखंड इकाई के चैयरमैन कृष्ण बोरा ने फ्लैट मालिक को एक हफ्ते का समय देकर उसे बचाने का आरोप लगाया। उन्होंने एमडीडीए सचिव बरनिया को निलंबित करने की मांग की है. साथ ही उन्होंने कहा देहरादून की डीएम सोनिका ने मामले की जांच एडीएम से कराई, जिसमें आरोप सही पाए गए. उन्होंने संबंधित फ्लैट को सील करने का आदेश दिया, लेकिन वही एमडीडीए सचिव ने इसकी अनुमति नहीं दी. जिसके बाद हिंदू जागरण मंच और देवभूमि रक्षा मंच दोनों ने सचिवालय के बाहर एमडीडीए सचिव का पुतला फूंका और प्रदर्शन किया.