Dehradun: उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस के टॉप नेता अफगानिस्तान में बाबर की मजार पर तो गए, लेकिन राम लला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का न्योता मिलने के बाद भी उसमें शामिल नहीं हुए।
महाराज ने कहा, "1959 में जवाहरलाल नेहरू ने बाबर की मजार का दौरा किया। 1968 में इंदिरा ने बाबर की मजार का दौरा किया और फिर 2005 में राहुल गांधी, मनमोहन सिंह के साथ मजार के लिए अफगानिस्तान गए थे। वे बाबर की मजार पर गए, लेकिन राम मंदिर के उद्घाटन के खिलाफ थे। वे उस 'राम राज्य' का विरोध कर रहे हैं जिसकी महात्मा गांधी ने बात की थी। वे बाबर की मजार पर जा रहे हैं, लेकिन राम मंदिर का विरोध कर रहे हैं।"