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मां तुझे सलाम...! बेटी को पढ़ाने के लिए मां सड़कों पर चला रही ई-रिक्शा

UP News: कुछ ऐसी प्रेरक कहांनिया होती है जो मां की ममता की कहानी बयां करती है. एक ऐसी ही एक कहानी उत्तर प्रदेश के अमरोहा से है जहां नशेड़ी पति की पिटाई से दुखी हो कर और ससुराल तानों की वजह से परेशान होकर अमरोहा में एक मासूम बेटी के साथ मां को रिक्शा चला कर अपना जीवन यापन कर रही है. 

"प्यास कहती है चलो रेत निचोड़ी जाए अपने हिस्से में समुंदर नहीं आने वाला" मैराज फैजाबादी की ये पंक्तिया अमरोहा में बेटी को पेट पर बांधकर अपनी जिंदगी की पथरीली राहों की तरह सड़क पर मजबूरी का ई-रिक्शा चला रही पूजा पर एकदम सटीक बैठ रही हैं. मासूम बेटी को कमर से बांधकर मुफलिसी का तिलिस्म तोड़ने निकली मां शराबी पति से परेशान होकर एक मां ने 30 हजार रूपए ब्याज पर लेकर पुरानी ई-रिक्शा खरीदी. फिर मायके से भी दूर अमरोहा में अपनी बेटी को साथ लेकर बेटी की अच्छी पढ़ाई और सपने पूरे करने के लिए अमरोहा की सड़कों पर बैटरी रिक्शा चला चला रही है.  

आपको बता दें अमरोहा की सड़कों पर ब्याज पर पैसे लेकर एक मां ने अपनी बेटी को पढ़ाने का सपना देखा और उसे अच्छा अधिकारी बनाने की अभी से जद्दोजहद में जुट गई. नशेड़ी पति की पिटाई से दुखी हो कर छोड़ी ससुराल और तानों की वजह से मायका भी छूट गया. अमरोहा को नया ठिकाना बना कर अब रिक्शा चला रही जिंदगी का पहिया अमरोहा में नारी सशक्तिकरण की मिसाल पेश कर रही है. मूल रूप से मुरादाबाद के थाना भोजपुर के गांव श्यामपुर की रहने वाली पूजा की शादी 2016 में हुई थी. 

दुर्भाग्य से उसे नशेड़ी पति मिल गया उसने बताया कि शादी के कुछ समय बाद ही पति ने उसके साथ मारपीट करना शुरू कर दी. फिर बेटी ख्वाहिश ने जन्म लिया इसके बाद ससुराल में मारपीट का सिलसिला थमा नहीं बल्कि बढ़ता गया. कई साल तक पति व ससुरालियों की प्रताड़ना झेलने के बाद वह बेटी को लेकर मायका पहुंच गई. कुछ समय मायके में रुकी तो वहां लोग तरह-तरह के ताने सुनाने लगे फिर मायके से भी दूर अपना नया ठिकाना अमरोहा बनाया, और अब 3 साल की बेटी को लेकर यहां पहुंच गई. कोई उसके चरित्र पर सवाल ना उठा पाए इसलिए उसने नारी सशक्तिकरण की मिसाल पेश करते हुए ई-रिक्शा चलाकर पेट भरने का निर्णय लिया. ब्याज पर कर्ज लेकर 30 हज़ार में पुरानी रिक्शा खरीदी और बेटी को गले से लगाकर महिला गुजर-बसर कर रही है.