मेरठ में बसपा से पूर्व विधायक और सपा नेता योगेश वर्मा पर गुंडा एक्ट लगाने की तैयारी है। अखिलेश यादव के करीबियों में शामिल रहे योगेश वर्मा मेरठ की पूर्व महापौर सुनीता वर्मा के पति हैं। दलित हिंसा के वक्त जेल भी गए थे,प्रशासन ने पुलिस के माध्यम से योगेश वर्मा को कारण बताओ नोटिस जारी करवाया है। इसके एवज में योगेश वर्मा को एडीएम सिटी के यहां जवाब दाखिल करना है।
बताया जा रहा है लगभग 2 महीने पहले से योगेश वर्मा पर गुंडा एक्ट की तैयारी शुरू हो चुकी है। इसके चलते डीएम के यहां रिपेार्ट आई थी। जिसमें योगेश वर्मा के आपराधिक गतिविधियों का पूरा चिट्ठा था। बता दें कि साल 2022 में जब विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों का आपराधिक इतिहास जारी किया गया था, तब योगेश वर्मा पर 31 मुकदमे दर्शाए गए थे। योगेश वर्मा की दौराला थाने में हिस्ट्रीशीट खुली थी, हालांकि कुछ बाद में उसे बंद कर दिया गया था। बाद में फिर उसे खोला गया।
आपको बता दें योगेश वर्मा बसपा के टिकट पर हस्तिनापुर से 2002 में चुनाव लड़े थे। 2007 में बसपा ने फिर उसी सीट से उन्हें उतारा और वह चुनाव जीत गए। 2017 में उनकी पत्नी बसपा के टिकट पर महापौर का चुनाव जीती थीं। बाद में योगेश ने सपा का दामन थाम लिया। योगेश को 2022 में सपा ने हस्तिनापुर से टिकट दिया, मगर वह हार गए।
वही डीएम दीपक मीणा का पूरे मामले पर कहना है कि पुलिस की तरफ से रिपोर्ट आई है। जो एडीएमई कोर्ट में चल रही है। जो मुकदमे हैं उसमें न्यायिक प्रक्रिया के अनुसार सुनवाई हो रही है।
दूरबीन से की थी ईवीएम की सुरक्षा
2022 के चुनाव के दौरान योगेश वर्मा परतापुर कताई मिल में मतदान के बाद जो ईवीएम रखी गई थी, उनकी सुरक्षा के लिए खुद दूरबीन लेकर खड़े हो गए थे। दूरबीन से खुद योगेश वर्मा ने कताई मिल की सुरक्षा को देखा था। कहीं ईवीएम से कोई छेड़खानी न हो जाए।