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भारत कभी हिंदू राष्ट्र नहीं था, ना बनेगा! सपा नेता स्वामी प्रसाद के बयान से मचा सियासी बवाल

Swami Prasad Maurya Controversy: अपने विवादित बयानों के कारण अक्सर सुर्खियों में रहने वाले समाजवादी पार्टी के राष्टीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्या एक और विवाद में फंस गए है. उनके अनुसार भारत कभी भी हिंदू राष्ट्र नहीं रहा है. आगे उन्होंने कहा कि अगर यह पहले कभी नहीं रहा तो भारत अब एक हिंदू राष्ट्र देश नहीं हो सकता. देश का सविंधान एक धर्मनिरपेक्ष विचारधारा पर बना हुआ है. जिसमें सभी जाति समुदाय सद्भाव से रहते है और एक दूसरे का भाई की तरह सम्मान करते है. 

आगे उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री के हिंदू राष्ट्र बनाने वाले बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि भारत लंबे समय के बाद गुलामी से आजाद हुआ है. उन्होंने कहा कि, हमें उन लोगों से डरना चाहिए जो देश को हजारों वर्षों तक स्वतंत्र बनाए रखने के लिए तोड़ने की साजिश रचते रहते है. अगर कोई हिंदू राष्ट्र की बात कर सकता है तो कल कोई खालिस्तान की मांग क्यों नहीं कर सकता या धर्म के आधार पर विभाजन की बात क्यों नहीं कर सकता. 

सपा नेता ने कहा कि, मैं सनातन धर्म पर दृढ़ता से कायम हूं. वह भगवान बुद्ध द्वारा दिए गए सनातन धर्म और सनातन उपदेश को मानने वाले हर व्यक्ति का स्वागत करते हैं. भगवान बुद्ध ने 'एस धम्मो सनंतनो' (यह सनातन धर्म है. बुद्ध का मार्ग ही सच्चे अर्थों में धर्म का मार्ग है.) का उपदेश दिया और उनके द्वारा कहे गए शब्द शाश्वत हैं. चूँकि भगवान बुद्ध सभी शाश्वत धर्मों, भाषाओं और शिक्षाओं के स्रोत हैं, इसलिए अगर कोई और उन्हें अपनाता है तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है.

बीजेपी पर हमलावर हुए स्वामी प्रसाद
उन्होंने बीजेपी (BJP) पर भी हमला किया और दावा किया कि सत्ता में आने से पहले जाति जनगणना पर चर्चा की गई थी और वादे किए गए थे, लेकिन पद पर रहते हुए उन्होंने इससे मुंह मोड़ लिया. उन्होंने सामाजिक न्याय के लिए जातीय जनगणना को महत्वपूर्ण बताया. “दलित पिछड़ों और वंचितों के अधिकारों का हनन करने वाली भारतीय जनता पार्टी वादा करने के बाद भी जनगणना नहीं करा रही है. इस मुद्दे को गांव-गांव तक ले जाएं, तभी जातीय जनगणना होगी. यही बी.पी. मंडल को सच्ची श्रद्धांजलि होगी.

वह 25 अगस्त को उत्तर प्रदेश के फिरोज गांधी कॉलेज के इंदिरा गांधी सभागार में बीपी मंडल जयंती समारोह 2023 के अवसर पर जाति जनगणना चर्चा संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. लोहिया-अंबेडकर विचार मंच को संबोधित कर रहे थे.