UP News: आजमगढ़ जनपद के सगड़ी तहसील क्षेत्र मे महुला गढ़वल बांध के उत्तरी छोर में बहने वाली घाघरा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से ग्रामीणों की समस्या बढ़ गई है। घाघरा नदी के कटान से किसान भूमिहीन होते जा रहे हैं। घाघरा नदी का तांडव शुरू हो गया है। एक तरफ घाघरा नदी किसानों को भूमिहीन करती जा रही है तो दूसरे तरफ आफत बनती जा रही है। घाघरा के तटवर्ती गांव के लोगों की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है। आधा दर्जन गांव का संपर्क मार्ग डूब गया है। आने-जाने वाले लोगों का नाव ही सहारा है। लोग अपने व्यक्तिगत नाव से आ जा रहे हैं। खरैलिया ढाला, मानिकपुर, मसूरियापुर, साहडीह, वाका, बुढ़नपट्टी ,हाजीपुर ,पुलिया से संपर्क मार्ग लोगों का टूट गया है। वहीं बाढ़ चौकियां अभी भी औपचारिक रूप से चलाई जा रही है।
घाघरा नदी का जलस्तर, बदरहुवा नाले पर गुरुवार गुरुवार को 4 बजे 71.64 मीटर था जो शुक्रवार को 25 सेमी बढ़कर 71.89 मीटर हो गया। न्यूनतम जलस्तर 70.26, खतरा बिंदु, 71.68 अधिकतम, 73.52 मीटर है।
डिघिया नाले पर शाम चार बजे बृहस्पतिवार को 70.94 मीटर था जो शुक्रवार को 21 सेमी बढ़कर 71.15 मीटर हो गया। डिघिया नाले पर न्यूनतम जलस्तर 68.90, खतरा बिंदु 70.40 अधिकतम 72.59 मीटर है।
वहीं पर घाघरा नदी जहां आबादी की जमीन को काट रही है तो वहीं पर खेती योग भी जमीन कट रही है अब तक देवाराखास राजा के बगहवा में हरिजन बस्ती के रामकरण पुत्र स्वरूप वीरेंद्र पुत्र परदेसी द्वारिका पुत्र अर्जुन दुईज पुत्र सहाबल आदि की खेती योग जमीन घाघरा नदी काट चुकी है तो वहीं पर आबादी की तरफ बढ़ने लगी है और रामकरन पुत्र स्वरूप की आबादी व घर को काट चुकी है तो अब घाघरा नदी के आगोश में रामकरन के बाद द्वारिका पुत्र अर्जुन वीरेंद्र पुत्र परदेसी परसोत्तीम पुत्र दूईज कपिलदेव पुत्र परदेसी कृपालु पुत्र परदेसी का कभी भी मकान घाघरा नदी अपने आगोश में ले सकती है उन लोगों के घरों के ऊपर खतरा मंडराने लगा है लोग अपने सामानों को निकाल कर सुरक्षित स्थान पर ले जाने की तैयारी में लगे हुए हैं