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गाजियाबाद में दंपति ने पेश की अनोखी मिसाल, स्ट्रीट डॉग को बच्चों की तरह अपनाया

गाजियाबाद में एक दंपति पिछले कई सालों से रोजाना 70 से 80  स्ट्रीट डॉग को खाना खिला रहा है। इतना ही नहीं उनके पैदा होने के से उनकी अंतिम संस्कार तक का सारा खर्चा और काम यही दंपति करता है। स्ट्रीट डॉग्स की वैक्सीनेशन का काम भी यही दंपति करता है।

गाजियाबाद के वैशाली में रहने वाले माइकल और अनु पिछले कई सालों से स्ट्रीट डॉग्स को खाना खिला रहे हैं। माइकल जहां एक्सपोर्ट इंपोर्ट में ब्रोकर है वही अनु कंप्यूटर हार्डवेयर का काम करती है। अनु ने हमारे संवाददाता को बताया कि उसकी शुरुआत एक डॉग के साथ के हुई थी। उसके बाद जब उसके डॉग के बच्चे भी घर आने लगे तो उसके और उसके पति ने फिर नियम बना लिया। अनु के मुताबिक उनके घर रोजाना 180 रोटियां बनती है। इसके अलावा सब्जियां बनाई जाती हैं। जिनको रोटी, ब्रेड, डॉग फूड और नॉनवेज में मिलकर खाना खिलाया जाता है। स्ट्रीट डॉग को कोई बीमारी ना हो इसलिए उनकी दवाई भी स्प्रे के द्वारा उनके शरीर पर लगाई जाती है और इसके साथ-साथ में इसकी डॉग को रेबीज वाले इंजेक्शन भी लगती हैं अनु के अनुसार किसी भी डॉग के जन्म होने से उनकी अंतिम क्रिया तक वह सारा खर्चा वही करती हैं उसकी देखभाल करते हैं। 

उन्होंने आज तक इसके लिए उन्होंने किसी से कोई भी आर्थिक मदद नहीं ली है। उनके काम को देखकर अगर कोई मदद करने आता है तो वह उससे पैसे नहीं लेते बल्कि उसे डॉग फूड देने के लिए कहते हैं। हर महीने 30 हजार रुपए से ज्यादा इस सारे काम में उनका खर्च होता है। अनु और माइकल की शादी को 12 साल हो गए हैं। उनके कोई बच्चा नहीं है। अब अनु का कहना है कि यही स्ट्रीट डॉग्स ही उनके बच्चे है। 

अनु व उनके पति माइकल के इस काम की सरहाना पूरा वैशाली कर रहा है। वैशाली के रहने वाले एक निवासी ने बताया कि अनु लगातार कई सालों से स्ट्रीट डॉग की देखभाल कर रही है, जो वाकई काबिले तारीफ है।