UP News: मेरठ के प्यारेलाल जिला अस्पताल में टीबी वार्ड में भर्ती 8 से 10 मरीजों की इंजेक्शन लगाने के बाद हालत खराब हो गई। इंजेक्शन लगने के बाद अचानक ही मरीजों को ठंड लगने लगी और बताया जा रहा है कि उनकी सांस फूलने लगी। इसके बाद मरीज के तीमारदारों ने वहां हंगामा भी किया। आरोप है कि थोड़ी देर पहले ही इन सभी मरीजों को डॉक्टर ने इंजेक्शन लगाया था जिसके बाद भर्ती सभी मरीजों की हालत खराब होने लगी और परेशानी होने लगी। तुरंत ही मरीजों को इमरजेंसी वार्ड में शिफ्ट किया गया। इसके बाद मरीजों की हालत में सुधार हुआ। वहीं इस मामले के संज्ञान में आने के बाद मेरठ प्रशासन ने इस मामले पर एक जांच कमेटी बनाकर जांच बैठा दी है।
दरअसल, बताया जा रहा है कि मेरठ के प्यारेलाल जिला अस्पताल में टीबी वार्ड में भर्ती लगभग 8 से 10 मरीजों को रात के समय एक इंजेक्शन लगाया गया। इसके बाद सभी मरीजों की हालत खराब होने लगी और उनको ठंड के साथ-साथ सांस फूलने लगी। मरीज के तीमारदारों ने वहां हंगामा किया और आरोप लगाया कि इंजेक्शन लगने के बाद ही उनकी हालत खराब होने लगी है। वहीं इस घटना के बाद सभी टीबी वार्ड के मरीजों को इमरजेंसी वार्ड में शिफ्ट किया गया और उनकी हालत पर काबू पाया गया और फिलहाल सभी मरीज खतरे से बाहर हैं।
वहीं इस मामले में मेरठ के जिलाधिकारी दीपक मीणा ने बताया कि रात को सूचना प्राप्त हुई थी। 8 से 10 मरीज है जो टीबी वार्ड में थे उनको एंटीबायोटिक इंजेक्शन दिया गया था। इसके बाद उनको कुछ रिएक्शन हो गया था सभी अधिकारी मौके पर पहुंचे थे। पूरे बैच को वहां से हटवा दिया गया है। सीएमओ के निगरानी में एक जांच कमेटी भी बनाई गई है जो पूरे मामले की जांच करेगी। 3 दिन में जांच कमेटी अपनी रिपोर्ट पेश करेगी, आखिर ऐसा क्यों हुआ और हमने भी एक मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में कमेटी नियुक्त की है जो 48 घंटे में रिपोर्ट देगी, पूरे मामले की जांच की जा रही है।