Chandigarh: चंडीगढ़ में पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च यानी पीजीआईएमईआर ने एक नया डिवाइस बनाया है। इस डिवाइस से मरीजों को नॉन-इनवेसिव वेंटिलेशन के लिए कम कीमत में बेहतर सुविधा मिलती है। इस डिवाइस का इस्तेमाल युवाओं और बच्चों दोनों तरह के मरीजों के लिए किया जा सकता है। फिलहाल इंस्टीट्यूट में इस डिवाइस का क्लिनिकल ट्रायल किया जा रहा है।
इंस्टीट्यूट ने हल्के और पोर्टेबल डिवाइस के लिए भारत सरकार के साइंस एंड टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के साथ पेटेंट के लिए आवेदन किया है। डॉक्टरों का कहना है कि डिवाइस ने सांस से जुड़ी समस्याओं वाले मरीजों को इंट्यूबेशन की मदद के बिना ही संभालने में अच्छे नतीजे दिए हैं।
प्रोफेसर गोवर्धन दत्त पुरी ने बताया कि "ये जो मशीन है बिना ट्यूब के मरीजों को ऑक्सीजन देती है। जितनी भी मात्रा की जरूरत है, ज्यादा ऑक्सीजन की मात्रा की जरूरत है तो ज्यादा देती है अगर कम ऑक्सीजन की मात्रा से काम बन सकता है तो कम कंसल्टेशन ऑक्सीजन से पेशेंट की सेचुरेशन मेंटेन करती है और इसके कारण जो कॉम्प्लिकेशन वेंटिलेटर लगाने से होते हैं वो कम होते हैं पर ये नहीं है कि ये वेंटिलेटर को टोटली रिप्लेस नहीं कर रही है। ये वेंटिलेटर के जरूरत को कम करती है।"