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भारत ने दिखाया कि हर क्षेत्र में वैज्ञानिक रिसर्च का इस्तेमाल कैसे हो: जितेंद्र सिंह

केंद्रीय मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को कहा कि भारत ने दुनिया के लिए एक उदाहरण पेश किया है कि वैज्ञानिक अनुसंधान का इस्तेमाल हर क्षेत्र में विकास के लिए कैसे किया जा सकता है। फरीदाबाद में 17 से 20 जनवरी तक नौवां भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव होगा। महोत्सव के कर्टन रेजर समारोह में जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत हर क्षेत्र में विकास के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने वाला पहला देश है।

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री ने कहा, "भारत के वैज्ञानिक रिसर्च को दुनिया भर में मान्यता मिली है, बल्कि आम आदमी के जीवन को सरल बनाने के लिए भी वैज्ञानिक अनुसंधान का इस्तेमाल किया गया है।" उन्होंने कहा कि सड़कें, रेलवे, स्मार्ट सिटी परियोजना, डिजिटल स्वास्थ्य, गहरे समुद्र की खोज, भूजल मानचित्रण या फसलों की इमेजिंग के लिए विज्ञान और तकनीकी का इस्तेमाल पूरी दुनिया देख रही है। 

उन्होंने कहा कि इसका मकसद जनता तक लाभ पहुंचाना और जनता को विज्ञान और टेक्नोलॉजी ,से जोड़ने की कोशिश करना है। भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव या आईआईएसएफ 2023 का विषय 'विज्ञान और प्रौद्योगिकी-अमृत काल में सार्वजनिक आउटरीच' है। इसका मकसद बड़े पैमाने पर जनता और छात्रों, शिक्षकों, वैज्ञानिकों, रिसर्चर्स, उद्ययमियों और विज्ञान संचारकों को प्रेरित करने के लिए एक मंच बनाना है।

आईआईएसएफ 2023 में अलग-अलग क्षेत्रों में देश की वैज्ञानिक उपलब्धियां दिखाने के लिए 17 थीम होंगी। जितेंद्र सिंह ने कहा कि ये  कार्यक्रम सभी हितधारकों के लिए तरह-तरह की गतिविधियों की मेजबानी करेगा। इनमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय जानकारों के सेमिनार, वक्ताओं के साथ बातचीत, प्रदर्शनियां, प्रतियोगिताएं, कार्यशालाएं, ज्ञान-साझा करने जैसे थीम शामिल होंगे। 

उन्होंने कहा कि आईआईएसएफ भारत की उन्नति के लिए विज्ञान, प्रौद्योगिकी और शोध में रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। आईआईएसएफ के 2015 से भारत में अलग-अलग जगहों पर आठ महोत्सव हुए हैं।