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मरीजों की आवाजाही से लेकर ओवरहेड सामान रैक जैसी सुविधाओं से लैस है दिल्ली-रैपिड रेल, पीएम इस तारीख को करेंगे उद्घाटन

दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएश) जल्द शुरू होने वाला है। इसमं मरीजों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए हर ट्रेन में एक जनरल कोच है, जिसमें में एक मेडिकल स्ट्रेचर और एक व्हीलचेयर रखने की जगह है। नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) के अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि स्टेशनों पर लगी कुछ लिफ्टों को स्ट्रेचर रखने के लिए पर्याप्त लंबा बनाया गया है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरिडोर के 17 किलोमीटर के पहले हिस्से का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 अक्टूबर को करेंगे। इसके एक दिन बाद 21 अक्टूबर को इसे यात्रियों के लिए खोला जाएगा। सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री साहिबाबाद स्टेशन से पहले चरण का उद्घाटन करेंगे। इस दौरान वो देश की पहली सेमी-हाई-स्पीड रीजनल रेल सेवा रैपिडएक्स ट्रेन में सवारी भी कर सकते हैं।

साहिबाबाद और दुहाई डिपो के बीच पहले चरण वाले हिस्से में पांच स्टेशन हैं - साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो। एक आधिकारिक सूत्र ने मंगलवार को पीटीआई को बताया, "प्राथमिकता खंड के उद्घाटन के एक दिन बाद, 21 अक्टूबर की सुबह से यात्री सेवाएं शुरू हो जाएंगी। रैपिडएक्स ट्रेनें सुबह 6 बजे से रात 11 बजे के बीच चालू रहेंगी। शुरुआत में, ट्रेनें हर 15 मिनट में उपलब्ध होंगी। भविष्य में आवश्यकता के आधार पर फ्रिक्वेंसी को बढ़ाया जा सकता है।“

हर रैपिडएक्स ट्रेन में एक प्रीमियम कोच सहित छह कोच होंगे। हर ट्रेन में एक कोच महिलाओं के लिए आरक्षित होगा और ये प्रीमियम कोच के बगल वाला कोच होगा। सूत्रों ने बताया कि इसके अलावा, अन्य डिब्बों में महिलाओं, दिव्यांगों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए सीटें आरक्षित होंगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "इन ट्रेनों से मरीजों की आवाजाही में भी सुविधा होगी और प्रत्येक ट्रेन में अंत में एक जनरल कोच होगा, जिसमें एक मेडिकल स्ट्रेचर और एक व्हीलचेयर रखने की सुविधा होगी। ऐसा इसलिए है क्योंकि कई लोग इलाज के लिए मेरठ से दिल्ली आते हैं। आरआरटीएस उन्हें आरामदायक सफर की सुविधा प्रदान करेगा।"

उन्होंने कहा, इस तरह, उनका समय भी बचेगा और सड़कों पर वाहनों के यातायात से भी राहत मिलेगी। अधिकारियों ने कहा कि आरआरटीएस टिकटिंग प्रणाली नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) के मुताबिक है। आरआरटीएस ट्रेनों में कई यात्री-केंद्रित सुविधाएं जैसे ओवरहेड सामान रैक, वाई-फाई और हर सीट पर मोबाइल और लैपटॉप चार्जिंग की सुविधा है।

अधिकारियों के मुताबिक, ट्रेनों को अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों के आधार पर डिजाइन किया गया और बनाया गया है। इसमें अंदरूनी और बाहरी आग का पता लगाने की प्रणाली है। एनसीआरटीसी को दिल्ली और मेरठ के बीच आरआरटीएस के निर्माण की देखरेख का काम सौंपा गया है। पूरे 82.15 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस को जून 2025 तक चालू करने का लक्ष्य है।