उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य विधानसभा में बहुप्रतीक्षित समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक पेश किया जिसमें विवाह से जुड़ी पुरानी प्रथाओं को दंडनीय अपराध बनाने और ‘लिव-इन’ रिलेशनशिप के दौरान होने वाले बच्चों को अधिकारी दिए जाने का प्रस्ताव किया गया है. यूसीसी विधेयक को पारित कराने के लिए बुलाए गए विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन पेश ‘समान नागरिक संहिता, उत्तराखंड-2024’ विधेयक में धर्म और समुदाय से परे सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, उत्तराधिकार, संपत्ति जैसे विषयों पर एक समान कानून प्रस्तावित है. हालांकि, इसके दायरे से प्रदेश में रहने वाले अनुसूचित जनजातियों को बाहर रखा गया है.
उत्तराखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ कांग्रेस विधायक यशपाल आर्य ने कहा कि अगर सदस्यों को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक का अध्ययन करने के लिए पर्याप्त समय मिलता तो अच्छा रहता. उन्होंने विधेयक को सदन की प्रवर समिति को सौंपे जाने का सुझाव भी दिया है. आर्य ने कहा कि विधेयक में 392 धाराएं हैं जिनका विस्तार 172 पृष्ठों में हैं ऐसे में अच्छा होता कि अगर विपक्षी सदस्यों को इसे विस्तार से पढ़ने का पर्याप्त समय मिलता जिससे सदन में इसके प्रावधानों पर सकारात्मक बहस हो पाती.