राजस्थान में राजपूत नेता सुखदेव सिंह शेखावत उर्फ गोगामेड़ी की हत्या को लेकर एक बड़ा विमर्श शुरू हो गया है. दरअसल लोगों के सामने जो तस्वीर उभर कर आ रही है, हकीकत में ऐसा है नहीं. इस हत्याकांड में जातीय संघर्ष और प्रापर्टी विवाद की बातें तो सामने आ ही रही हैं, कहीं ना कहीं गैंगवार की भी बू आने लगी है. बताया जा रहा है कि इसकी बड़ी वजह आनंदपाल सिंह एनकाउंटर के बाद गोगामेड़ी की बढ़ती ताकत है. इस ताकत का प्रभाव कहीं ना कहीं कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई पर भी देखा जा रहा था. इस कहानी को समझने के लिए थोड़ा पीछे जाना होगा.
बात 2015-16 की है. उन दिनों मुंबई से दिल्ली तक अच्छी पैठ बना चुकी लॉरेंस बिश्नोई की गैंग अपनी खुद की माटी राजस्थान में स्थापित होने के लिए पूरी जोर लगा रही थी. इसके लिए एक के बाद कई वारदातों को अंजाम भी दिया गया, लेकिन उन दिनों पहले से स्थापित आनंदपाल सिंह की वजह से इस गैंग को बार बार मुंह की खानी पड़ रही थी. इसी दौरान साल 2017 में आनंदपाल सिंह पुलिस एनकाउंटर में मारे गए. दावा तो यह भी किया जा रहा है कि यह एनकाउंटर की भूमिका खुद लॉरेंस बिश्नोई ने तैयार की थी और राजस्थान पुलिस ने इसे अंजाम दिया था. वह साल 2017 ही था, जब सुखदेव सिंह मूल करणी सेना से अलग होकर अपनी श्री राजपूत करणी सेना का गठन किए थे.