होली नजदीक आने के साथ ही वृंदावन में राधा वल्लभ जी के मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती जाती है। मंदिर के पुजारी श्रद्धालुओं पर सोने की परत चढ़ी पिचकारियों से रंगों की बौछार करते हैं और बड़े स्नेह और उत्साह के साथ उन पर गुलाल बरसाते हैं। गुलाल टेसू के फूलों से बनाए जाते हैं। वृंदावन और मथुरा की पारंपरिक होली दुनिया भर में मशहूर है। यहां होली पूरे धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ मनाई जाती है।
श्रद्धालुओं में मान्यता है कि जुड़वां शहर के मंदिरों में होली खेलने पर भगवान कृष्ण रंगों के जरिये उनपर आशीर्वाद बरसाते हैं। वृंदावन और मथुरा समेत पूरे ब्रज में होली बसंत पंचमी से शुरू होती है। 40 दिन चलने वाला उत्सव होली के दिन खत्म होता है।