आपने पढ़ा होगा कि सावित्री किस तरह यमराज से जिद करके अपने पति के प्राणों को बचा लेती हैं. बात पौराणिक है लेकिन उनके आदर्श पर देश की महिलाएं आज भी कायम हैं. इस युग में रजनी टुडूरा ने सावित्री का रूप धर लिया है. वह भी अपने पति के प्राणों को बचाने के लिए जिद किए हुए हैं. रजनी अपने सीने से पति की तस्वीर लगाए बैठी हैं. उम्मीद के दीये की रोशनी लिए वो अंधेरी सुरंग में फंसे अपने पति से मिलने की आस में है. यह नजारा है उत्तरकाशी के सिल्क्यारा में रविवार को हुए टनल हादसा स्थल का.
उत्तराखंड के उत्तरकाशी के सिल्क्यारा में हुए टनल हादसे को 8 दिन हो चुके हैं. न रोशनी न ऑक्सीजन ऐसे में 41 मजदूरों के लिए टनल अब कालकोठारी बन गई है. अंधेरी टनल में फंसे मजदूरों को फिर से खुले आसमान में जीने की आस लगी हुई है. ऐसी ही आस उनके परिजनों को भी बंधी हुई है.