Arunachal Pradesh: अरुणाचल प्रदेश जेडीयू महासचिव रीबा पंगिया डोलो का कहना है कि, "पार्टी के एनडीए में जाने से हम लोगों को कोई तकलीफ नहीं है। वो पार्टी के हित में, पार्टी को आगे ले जाने के लिए जो नीतीश कुमार जी ने फैसला लिया, हमारे जो भगवान ने फैसला लिया हम लोगों ने उसमें उनका साथ दिया। एनडीए में जाना अच्छी बात है। तो 2019 में हमने जैसे फ्री फाइट किया था इलेक्शन। आप फ्री फ्रेंडली मैच 2019 में एनडीए में रहते हुए भी खेला था। अभी देखिए 2024, कई सारे एनडीए नेता में जो अलायंस पार्टनर है वो सब लड़ रहे है। फ्रेंडली मैच हो रहा है यहीं उम्मीद के साथ हमने कई सारे कैंडीडेट के साथ संपर्क किया। चार-पांच लोग कल शामिल भी होने वाले थे। हाल ही में हमें पता चला हाईकमान से फोन आया कि इस बार हमें चुनाव लड़ने नहीं दिया जाएगा तो ये हमारे लिए बहुत दुख की बात है। हम लोगों ने क्योंकि बहुत सोचा था और बहुत मेहनत की थी कि इस बार भी हम लोग अच्छा करेंगे और नीतीश जो अच्छा मैसेज जाने देंगे। जेडीयू को खाली होने नहीं देंगे जिसके लिए हमारी टीम ने रात-दिन मेहनत की।"
लोकसभा चुनाव से पहले अरुणाचल प्रदेश में जेडीयू यानी जनता दल यूनाइटेड के कई बड़े नेताओं ने बड़ा झटका देते हुए पार्टी छोड़ दी है।
राज्य में विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन के तहत जेडीयू ने सात सीटें जीती थीं।बाद में ये सभी बीजेपी में शामिल हो गए थे।
जेडीयू के प्रदेश महासचिव रीबा पंगिया डोलो ने इस कदम के लिए 'जेडीयू के राष्ट्रीय नेतृत्व के अहंकारी और गैर-समर्थक स्वभाव' को जिम्मेदार ठहराया।
जेडीयू लीडरशिप ने अरुणाचल प्रदेश में संसदीय चुनाव या विधानसभा चुनाव में कोई भी उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है।
रीबा पंगिया की अगुवाई वाली जेडीयू इकाई अब जेडीयू से जुड़ी नहीं है और राज्य कार्यालय को भंग कर दिया गया है।