पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री और टीएमसी नेता शशि पांजा ने मंगलवार को कहा कि वाराणसी में आईआईटी-बीएचयू परिसर में छात्रा के साथ कथित गैंगरेप के मुद्दे पर बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय चुप क्यों हैं? आईआईटी-बीएचयू परिसर में छात्रा के साथ कथित गैंगरेप के दो महीने बाद पुलिस ने रविवार को तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। विपक्षी दलों का कहना है कि तीनों आरोपितों का संबंध बीजेपी से है। तीनों आरोपितों ने अपने फेसबुक पेज पर खुद को बीजेपी आईटी सेल का सदस्य होने का दावा किया था।
शशि पांजा ने कहा कि छात्रा के साथ दो नवंबर को गैंगरेप हुआ, छात्रा ने आरोपितों की पहचान की लेकिन उसके बाद भी गिरफ्तारी में इतना समय क्यों लगा? उन्होंने कहा कि बीजेपी के ऐसे प्रमुख कार्यकर्ताओं पर गैंगरेप के गंभीर आरोप हैं...चाहे बृजभूषण शरण सिंह जैसे सांसद हों या फिर कार्यकर्ता हों।
पीड़िता के मुताबिक, वो एक नवंबर की रात को अपने एक दोस्त के साथ हॉस्टल से बाहर गई थी। वो करमन बाबा मंदिर के पास थे, तभी मोटरसाइकिल पर तीन लोग वहां आए, उसे जबरन एक कोने में ले गए और उसके दोस्त से अलग करने के बाद उसका मुंह बंद कर दिया। पीड़िता ने कहा कि आरोपितों ने उसे निर्वस्त्र किया, उसका वीडियो बनाया और तस्वीरें खींचीं। पीड़िता के मुताबिक उसे करीब 15 मिनट बाद आरोपितों छोड़ दिया और उसका फोन भी छीन लिया।
शिकायत के आधार पर लंका पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। पुलिस के मुताबिक बाद में गैंगरैप की धारा एफआईआर में जोड़ी गई। मामले में तीन लोगों कुणाल पांडे, आनंद उर्फ अभिषेक चौहान और सक्षम पटेल को गिरफ्तार किया गया है।