रामनवमी के दिन वैज्ञानिक दर्पण के जरिए सूर्य की किरण को भगवान रामलला के मस्तक पर पहुंचाएंगे। इस दौरान सूर्य की किरणें लगभग चार मिनट तक रामलला के ललाट की शोभा बढ़ाएंगी। जिसका पूर्वाभ्यास हुआ और प्रयोग पूर्ण रूप से सफल रहा।
वैज्ञानिकों ने सफल परीक्षण के बाद ये स्पष्ट कर दिया कि भगवान रामलला का तिलक सूर्यदेव इस बार ही रामनवमी के मौके पर करेंगे।