मध्य प्रदेश के ग्वालियर से एक ऐसा अजीबोगरीब मामला सामने आया है जहां नगर निगम का एक कर्मचारी अपने भाई की मार्कशीट लगाकर 43 साल तक नौकरी करता रहा. लेकिन जब धीरे-धीरे रिटायरमेंट का समय नजदीक आया, तभी एक शिकायत के बाद जांच हुई जिसमें कर्मचारी की पूरी पोल खोल गई. जांच रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ कि जिस मार्कशीट के सहारे निगम कर्मचारी ने नगर निगम में नौकरी पाई थी वह उसकी है ही नहीं. जांच रिपोर्ट को आधार पर यूनिवर्सिटी थाना में निगम के अधिकारियों ने आरोपी कर्मचारी के खिलाफ FIR दर्ज करवाई है.
जानकारी के मुताबिक ग्वालियर में मुरैना निवासी कैलाश कुशवाह को 1981 में नौकरी मिली थी. उस समय दस्तावेज के नाम पर कैलाश ने अपने भाई रणेंद्र कुशवाहा की मार्कशीट का इस्तेमाल किया था. इसी के आधार पर कैलाश ने 43 साल तक ठाठ से निगम में नौकरी की थी. लेकिन इस बीच मुरैना के ही रहने वाले अशोक कुशवाहा ने निगम कर्मचारी कैलाश का भंडाफोड़ दिया और उसकी नगर निगम अधिकारियों से शिकायत कर दी.