तेलंगाना के निज़ामाबाद जिले के 71 साल के किसान ने नंगे पैर चलने की अपनी 12 साल पुरानी जिद छोड़ दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महबूबनगर दौरे में राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड की स्थापना के वादे को अमली जामा पहनाने की वजह से उन्होंने ऐसा किया।
तेलंगाना के पालेम गांव के मूल निवासी मनोहर रेड्डी नाम के हल्दी किसान ने 2011 में जूते-चप्पल छोड़ने का फैसला किया था और कसम खाई थी कि जब तक राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड नहीं बन जाता, तब तक वे नंगे पैर ही रहेंगे। रेड्डी की जिद इतने साल बाद रंग लाई है। उन्होंने आखिरकार चप्पलें फिर से पहन ली हैं।
मनोहर रेड्डी ने कहा, "मैंने हल्दी बोर्ड का समर्थन करने की कसम खाई है और पिछले 12 साल से मैं नंगे पैर चल रहा हूं और इसके लिए लड़ रहा हूं। मैंने कई गांवों का दौरा किया और हर गांव में किसानों से मुलाकात की। यहां तक कि दिल्ली में धरना भी दिया। हमने मुद्दे उठाए केंद्र सरकार के अधिकारियों के साथ हल्दी किसानों की बातचीत और उन्होंने हल्दी बोर्ड की बनाने का ऐलान किया है।"