जम्मू कश्मीर के रामबन जिले में जमीन के धंसने से 50 से ज्यादा घर, चार बिजली टावर, एक रिसीविंग स्टेशन और एक मुख्य सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है। इस दौरान 500 से अधिक लोगों को सेफ जगहों पर पहुंचाया गया है। रामबन के डिप्टी कमिश्नर बसीर-उल-हक चौधरी ने शुक्रवार सुबह जिला मुख्यालय से पांच किलोमीटर दूर पेरनोट गांव का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने प्रभावित परिवारों को सहायता और बिजली सहित जरूरी सेवाओं की बहाली का भरोसा दिया।
पेरनोट गांव में अचानक जमीन धंसने के बाद गुरुवार की शाम घरों में दरारें आने लगीं और गूल और रामबन के बीच सड़क संपर्क टूट गया, जिससे कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा। वहां के लोगों ने जब पहली बार क्षतिग्रस्त हुए हिस्से को देखा, तो उन्हें याद आया कि कैसे अपनी जान बचाने के लिए उन्हें भागने के लिए मजबूर होना पड़ा। घाटी के ऊपरी इलाकों में रहने वाले लोगों को भी सुरक्षित जगहों पर पहुंचा दिया गया है, जिनके घर अभी तक प्रभावित नहीं हुए हैं।
वालंटियर, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम मिलकर क्षतिग्रस्त घरों से सामान निकालने में लोगों की मदद कर रही है। प्रभावित लोगों की मदद के लिए प्रशासन ने व्यवस्थाएं करनी शुरू कर दीं। पीड़ित लोग अब तंबू या राहत केंद्रों में रह रहे हैं। पिछले साल फरवरी में भी इसी तरह की घटना हुई थी, जब संगलदान इलाके के डुक्सर दलवा गांव में जमीन धंसने के कारण गूल और रामबन के बीच सड़क संपर्क टूट गया था। इस घटना में और 16 घर तबाह हो गए थे।
डिप्टी कमिश्नर ने लोगों को सलाह दी कि वे घबराएं नहीं और अपने जीवन की सुरक्षा के लिए एहतियाती कदम उठाएं। वहीं गूल उप-मंडल को जिला मुख्यालय से जोड़ने के लिए सुंबर-दिगदोल के माध्यम से वैकल्पिक सड़क चालू कर दी गई है।