लोकसभा चुनाव दहलीज पर है। एक तरफ इंडिया गठबंधन है दूसरी तरफ एनडीए है दोनों में आर पार का महामुकाबला है। इंडिया गठबघन 27 दलों का दम खम दिखाने वाला है तो एनडीए भी चुनावी अखाडें में 400 पार के दावेंदारी कर चुका है। लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों में सुगबुहागट का दौर चल रहा हैं कि कब कहां से चौकाने वाली खबर सामने आ जाए। तो इसी बीच बिहार के सियासी गलियारें में उस वक्त हलचल कापई तेज हो गई जब मुक्यमंत्री नीतीश कुार अचानक बिहार के राज्यपाल से मुलाकत करने सीधा राजभवन पंहुचे।नीतीश कुमार के राजभवन पहुंचते ही कड़ाके की ठंड में बिहार के साथ ही साथ पूरे देश का सियासी पारा बढ़ गया है।
लोकसभा चुनाव बेहद ही नजदीक है और ऐसे में सीएम नीतीश की राज्यपाल से मिलने का मकसद क्या होसकता है। क्योंकि राजनिती में जो दिखता है वो नहीं होता है जो नहीं दिखता वो हो जाता है। जो शायद किसी के गले से नीचें न उतरने वाला है। नीतीश कुमार इंडिया गठबंघन का बड़ा सियासी चेहरा है। चेहरे की चमक क्या असर दिखाने वाली है ये कुछ भी कहा नहीं जासकता है। ये राजनिती के कदावर नेता है। कब किया है्रान करने वाला फैसलीा लेले कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। नीतीश अपनी सियासत की ज तिकड़ी चालकी वजह से बिन पेंदी को लोटा भी कहा जा सकता जो सियासी नफा नुकसान को देखते हुए किसकी ओर लुढ़क जाए कुछ भी नही कहा सकता है। क्योंकि अगर इना पिछला इतिहास उठाए जा तो वहां भी ये पार्टी का दाल बदल करते हैं एक झटके में बीजेपी का 17 साल साथ छोड़ चुके हैं।
सीएम की राज्यपाल के साथ चल रही बैठक बेहद अहम मानी ज रही है िकयों कि कई दिनों से अटकले लगाई जा रही हैं कि नीतीश कुमार इंडिया गठबंघन एनडीए में वापसी कर सकते है। ये अटकलें अब और तेज होगी गई है। बतया जा रहा है की नीतीश कुमार जेदयू के वरिष्ठ नेता और मंत्री विजय चौधरी भी शामिल थें ये बाख करीब 40 मिनट तक चली। इस बैटक के बिद बिहार में कब कौन सा सरप्रइज मिल जाए कुछ भी नही कहा जा सकता है।