भारत में अमिट स्याही बनाने वाली इकलौती कंपनी - मैसूर पेंट्स एंड वार्निश लिमिटेड या एमपीवीएल ने लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले उत्पादन बढ़ा दिया है। कंपनी 1962 से वोटर्स की उंगलियों पर लगाने वाली बैंगनी स्याही बना रही है। कंपनी को चुनाव आयोग से 26 लाख 55 हजार शीशियों का ऑर्डर मिला है, जो अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर है। हर शीशी में 10 मिलीलीटर स्याही होती है। इसकी कीमत करीब 55 करोड़ रुपये है।
लोकतंत्र को मजबूत बनाने के मकसद से भारत कई देशों को अमिट स्याही भेजता है। कुछ देश ऑर्डर करते हैं तो कुछ देशों को भेंट के तौर पर स्याही भेजी जाती है। सिल्वर नाइट्रेट से तैयार की गई अमिट स्याही त्वचा पर 10 से 15 दिनों तक रहती है। इसे हटाना मुश्किल होता है। इससे वोटर पर अनोखे मार्कर का निशान बनता है। सिल्वर नाइट्रेट स्याही को तय समय के लिए स्थाई बनाती है। लेकिन स्याही में इसकी कितनी मात्रा होती है, ये गोपनीय रखा गया है।